अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) को “बहुत समझदार व्यक्ति” बताया है। ट्रंप ने बुधवार (स्थानीय समयानुसार) चीन के साथ समझौता होने की उम्मीद जताई। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार (भारतीय समयानुसार), ट्रंप ने चीन द्वारा जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी आयात पर 84% टैरिफ लगाने के बाद, चीन पर लगाए गए जवाबी टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने चीनी समकक्ष की सराहना की और कहा कि दोनों देशों के बीच अब भी बातचीत की गुंजाइश है। गौरतलब है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से अब तक उनकी शी जिनपिंग से कोई बातचीत नहीं हुई है, जो पिछले 20 वर्षों में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा अपने चीनी समकक्ष से संवाद न करने की सबसे लंबी अवधि है।
शी जिनपिंग को “दुनिया के सबसे समझदार लोगों में से एक” बताते हुए ट्रंप ने कहा कि वह (जिनपिंग) एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें बिल्कुल पता है कि क्या करना है। ट्रंप ने यह भी कहा कि शी जिनपिंग अपने देश से बेहद प्रेम करते हैं।
ट्रंप ने स्वीकार किया कि फिलहाल चीन अमेरिका का कोई फायदा नहीं उठा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वह शी जिनपिंग से बातचीत पर विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि अमेरिका में निवेश करना दुनिया का सबसे अच्छा निवेश होगा। किसी न किसी समय हमें एक फोन कॉल आएगा, और फिर सब कुछ तेजी से आगे बढ़ेगा।”
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी चीन पर टैरिफ और बढ़ाने की कोई मंशा नहीं है। हालांकि व्हाइट हाउस ने यह संकेत दिया कि चीन पर दबाव बना रहेगा। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि कई देश 100% या 125% से ज्यादा शुल्क लगाते हैं, जो अब चीन पर लगाया गया है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने उदाहरण दिया कि कनाडा अमेरिकी डेयरी किसानों पर कहीं ज्यादा शुल्क लगाता है।
शी जिनपिंग की तारीफ में फिर से लौटने से पहले, ट्रंप ने अमेरिका की ताकत और उसकी सैन्य क्षमता का जिक्र करते हुए देश की शक्ति का संकेत दिया। ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि अमेरिका के साथ कई वर्षों तक “बहुत बुरा बर्ताव” किया गया, और यह भी जोड़ा कि पिछली सरकारों ने इसे होने दिया।
एपी (AP) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) ने कहा कि चीन ने खुद को दुनियाभर के सामने एक “ग़लत किरदार” के रूप में पेश किया है। वहीं चीन की सत्तारूढ़ पार्टी के अखबार ‘पीपल्स डेली’ ने अमेरिकी रणनीति को ‘टैरिफ बुलीइंग’ (टैरिफ के ज़रिए धमकाने की रणनीति) करार दिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीन को अमेरिका के साथ आठ वर्षों के तनाव का अनुभव है और बीजिंग ने अभी भी बातचीत के रास्ते पूरी तरह बंद नहीं किए हैं।