अंतरराष्ट्रीय

भारत- कतर के बीच निवेश सहयोग को लेकर उच्च स्तरीय बैठक, कतर के भारत में $10 अरब निवेश पर हुई बात

कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) पहले ही भारत के रिटेल, यूटिलिटीज, मीडिया, हाउसिंग, हेल्थकेयर और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में निवेश कर चुका है

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निमिष कुमार   
Last Updated- August 28, 2025 | 7:46 PM IST

भारत और कतर के बीच निवेश सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से नई दिल्ली में उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और कतर के विदेश व्यापार मामलों के राज्य मंत्री डॉ. अहमद बिन मोहम्मद अल सईद ने की। वित्त मंत्रालय प्रवक्ता ने बताया कि यह बैठक मंत्रालय के आर्थिक मामलों विभाग (DEA) द्वारा आयोजित की गई, जिसमें कतर के प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल में कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, परिवहन, संचार एवं आईटी और नगर पालिका मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA), कतर एयरवेज, क्यू-टर्मिनल्स, हस्सद फूड्स, कतर चैंबर ऑफ कॉमर्स और कतर बिज़नेसमेन एसोसिएशन के अधिकारी भी शामिल रहे।

बैठक में भारत में कतर के निवेश को बढ़ाने के अवसरों पर व्यापक चर्चा हुई। मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं तलाशी गईं:

  • बुनियादी ढांचा (Infrastructure)
  • उन्नत निर्माण (Advanced Manufacturing)
  • परिवहन और लॉजिस्टिक्स
  • खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing)
  • स्वास्थ्य और सेमीकंडक्टर
  • वित्तीय सेवाएं

वित्त मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों ने फरवरी 2025 में कतर के अमीर की भारत यात्रा के दौरान किए गए $10 अरब निवेश के वादे और QIA के भारत में कार्यालय खोलने की प्रतिबद्धता को याद किया। इस दिशा में QIA और अन्य कतर-आधारित निवेश संस्थानों द्वारा विशिष्ट परियोजनाओं और कंपनियों में निवेश को लेकर विचार-विमर्श को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी।

QIA पहले ही भारत के रिटेल, यूटिलिटीज, मीडिया, हाउसिंग, हेल्थकेयर और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में निवेश कर चुका है। वहीं, भारतीय समुदाय ने भी कतर में खासकर SME क्षेत्र में निवेश किया है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को दर्शाता है।

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कतर की ओर से कहा गया कि वे भारत की आर्थिक वृद्धि और तकनीकी विकास को देखते हुए भारत में निवेश के कई अवसर देख रहे हैं। इस उच्च स्तरीय यात्रा से उन्हें भारत में उपलब्ध संभावनाओं की गहरी समझ मिलेगी और यह दोनों देशों के बीच निवेश साझेदारी को और सुदृढ़ करने में सहायक होगी।

First Published : August 28, 2025 | 7:46 PM IST