अफगानिस्तान पर नियंत्रण स्थापित करने के करीब दो हफ्ते बाद तालिबान ने अपनी सरकार गठन की तैयारी तेज कर दी है। खबरों के अनुसार तालिबान नेता गुरुवार को सरकार गठन को अंतिम रूप देने की तैयारी में जुटे रहे। गृह युद्ध से परेशान इस देश की अर्थव्यवस्था लगभग तबाह हो गई है। देश की अर्थव्यवस्था को संभालना तालिबान के नेतृत्व में गठित सरकार की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
तालिबान के प्रतिनिधि अहमदुल्लाह मुत्तकी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि काबुल में राष्ट्रपति भवन में एक समारोह आयोजित करने की तैयारी हो रही है। तालिबान के प्रवक्ता जबिहउल्ला मुजाहिद ने कहा कि अगले कुछ दिनों के अंदर देश में नई सरकार का गठन हो जाएगा। नई सरकार पर अंतराष्टï्रीय दाताओं और निवेशकों की नजरें होंगी क्योंकि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह विदेशी सहायता पर निर्भर है।
इससे पहले समूह के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि तालिबान के सबसे बड़े धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता होंगे। ईरान में नेतृत्व की तर्ज पर यह व्यवस्था की जाएगी जहां सर्वाेच्च नेता देश का सबसे बड़ा राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी होता है। उसका पद राष्ट्रपति से ऊपर होता है और वह सेना, सरकार तथा न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति करता है।
देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में सर्वाेच्च नेता का निर्णय अंतिम होता है। अफगानिस्तान के राष्टï्रपति सर्वोच्च नेता के अधीन काम करेंगे। तालिबान के सूचना एवं संस्कृति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्ला समांगनी ने बुधवार को कहा था कि नई सरकार बनाने पर बातचीत लगभग अंतिम दौर में है और मंत्रिमंडल को लेकर भी चर्चा हुई। अफगानिस्तान में 1996 से 2001 में अमेरिका हमले से पहले तक तालिबान का शासन था।