रूस ने विदेशी पर्यटकों के लिए देश में टीकाकरण कराना कठिन बना दिया है, लेकिन इसने ट्रैवल कंपनियों को स्पूतनिक इंजेक्शन के वादे के साथ यात्राओं के प्रोत्साहन को हतोत्साहित नहीं किया है।
जहां एक ओर धनी भारतीय फाइजर टीके लिए निजी विमानों में दुबई पहुंचे हैं, वहीं दूसरी ओर टूर ऑपरेटर दर्शनीय स्थलों और कोविड-19 टीके की दो खुराकों के साथ रूस की अवकाश यात्रा बेच रहे हैं। रूस के अधिकारियों का इस तरह के एक यात्रा विज्ञापन की ओर ध्यान आकृष्ट होने के बाद किया, टीका पर्यटन को हतोत्साहित करने के लिए नियमों को कड़ा कर दिया गया था। मॉस्को में 21 अप्रैल से निजी क्लीनिकों पर विदेशी पर्यटकों के टीकाकरण पर रोक लगा दी गई है।
हालांकि ट्रैवल कंपनियां अपनी निर्धारित यात्राओं के साथ आगे बढ़ रही हैं। विदेशी यात्राएं कराने वाले दिल्ली स्थित ऑपरेटर रशिया ट्रैवल हाउस के एक अधिकारी ने कहा ‘हम इसे अवकाश के दौरान विदेशी यात्रा के रूप में प्रचारित कर रहे और बेच रहे हैं। इस यात्रा में स्पूतनिक की एक खुराक के साथ टीकाकरण का अवसर होगा। अगली यात्रा 20 लोगों के साथ 8 जून को शुरू होगी।’
रूस उन कुछ गंतव्यों में से एक है, जो भारतीयों को प्रवेश की अनुमति दे रहे हैं तथा क्वारंटीन की कोई आवश्यकता नहीं है। रशिया ट्रैवल हाउस के ब्रोशर के अनुसार 25 दिनों की कीमत 1.87 लाख रुपये होगी। इस पैकेज में दिल्ली-मास्को के बीच वापसी हवाई टिकट, मॉस्को में 20 रात का प्रवास और सेंट पीटरबर्ग में चार रात का प्रवास शामिल है।
इस अधिकारी ने दावा किया कि मॉस्को में कुछेक पॉलिक्लिनिकों को विदेशी पर्यटकों को टीका लगाने की अनुमति है और स्पूतनिक इंजेक्शन की दो खुराकों की कीमत 4,800 रुपये होगी। उन्होंने कहा ‘हम ग्राहकों को टीका लगवाने का विकल्प दे रहे हैं, लेकिन इसे चुनना उन पर निर्भर करता।’ मुंबई में रूस के महावाणिज्य दूतावास ने एक बयान में कहा है ‘फिलहाल रूस के सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम में रूस के नागरिक और रूस में निवास की अनुमति रखने वाले विदेशी नागरिक ही शामिल हैं। इस तरह रूसी संघ का दौरा करने वाले विदेशी पर्यटक उक्त टीकाकरण कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं हैं। टीका यात्राओं के लिए अब तक व्यावहारिक रणनीति के साथ-साथ कोई कानूनी रूपरेखा नहीं है।’
इसमें कहा गया है ‘लोगों और लाइसेंस प्राप्त निजी चिकित्सा संस्थानों के बीच संबंधों के संदर्भ में, रूस में वे संबंधित वाणिज्यिक समझौतों द्वारा प्रशासित किए जाते हैं। आगंतुकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि निजी क्लीनिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवाओं का उपयोग यात्रियों के स्वविवेक पर किया जा सकता है।’ हालांकि अन्य ट्रैवल कंपनियां ऐसी यात्रा की बुकिंग करते समय सावधानी बरतने का यह आग्रह कर रही हैं कि इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल ईज माई ट्रिप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी निशांत पिट्टी ने कहा ‘हमने रूसी अधिकारियों से पूछताछ की है। टीकाकरण के लिए ऐसी यात्राओं की अनुमति नहीं है। रूस के पासपोर्ट वाले लोगों को ही रूस में टीका लगवाने की अनुमति है। मेरे हिसाब से ये झूठी पेशकश हैं और इनसे बचना बेहतर रहेगा।’ भारत की तरह यूरोप में भी रूस की टीका यात्रा को प्रोत्साहन दिया गया है।
अप्रैल में नॉर्वे की एक ट्रैवल कंपनी अपने ग्राहकों को मॉस्को में हवाई अड्डे या क्लीनिक पर टीका लगवाने का विकल्प दे रही थी। अन्य पैकेजों में रूस में 22 दिनों तक ठहरने के अलावा तुर्की की यात्रा भी शामिल है। रूस की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी, ब्राजील, इटली, बेल्जियम और ब्रिटेन के कई नागरिकों ने मार्च में मॉस्को के एक शॉपिंग सेंटर में टीके लगवाए थे। होटल और शॉपिंग सेंटरों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघों सहित रूस में व्यापारिक निकायों ने भी टीकों की मांग करने वाले विदेशियों के लिए वीजा मुक्त प्रवेश पर विचार किया है। इन निकायों का कहना है कि इससे आर्थिक सुधार में मदद मिलेगी। बोर्ड ऑफ एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट मेडिकल क्लीनिक्स और सेंटेड्स सर्जई मिसियुलिन के चेयरमैन के हवाले से पिछले सप्ताह कहा गया था कि रूस में आप केवल उन विदेशी नागरिकों को ही टीका लगा सकते हैं, जो जिनके पास आवास या काम करने की अनुमति है तथा उसके अनुसार अनिवार्य चिकित्सा बीमा पॉलिसी है।
