रूस में समलैंगिक समुदाय ‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ के समर्थन में गतिविधियों को चरमपंथ के रूप में गैरकानूनी घोषित करने वाले अदालत के फैसले के तहत अधिकारियों द्वारा लोगों को दंडित करने का पहला मामला सामने आया है।
‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ समुदाय के प्रतीक माने जाने वाले ‘इंद्रधनुषी’ रंग की वस्तुओं के प्रदर्शन को लेकर कम से कम तीन लोगों को जेल की सजा हुई है या फिर उन पर जुर्माना लगाया गया है।
रूसी मीडिया की रिपोर्ट और अधिकार समूहों से यह जानकारी मिली। रूस की सरकार ने देश में एलजीबीटीक्यू प्लस गतिविधियों को ‘‘आंदोलन’’ होने का दावा किया था। पिछले वर्ष नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने ‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ समुदाय से संबंधित गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया था और इसे एक चरमपंथी संगठन करार दिया था।
न्यायालय का यह फैसला रूढ़िवादी देश में तेजी से बढ़ रहे ‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ समुदाय के लोगों पर कार्रवाई का हिस्सा था। रूस में तेजी से बढ़ते एलजीबीटीक्यू प्लस समुदाय के लोगों की संख्या के कारण ‘पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों’ को दरकिनार किया जा रहा है, जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 24 साल के शासन की कभी मजबूत कड़ी रहे थे।
रूसी कानून के तहत चरमपंथी संगठनों के प्रतीकों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक है। इसके अलावा एलजीबीटीक्यू प्लस अधिकारों की बात करने वाले संगठनों और समूहों को चेतावनी दी गयी थी कि ‘इंद्रधनुषी’ रंग के झंडे या अन्य वस्तुओं को प्रदर्शित करने पर अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।
रूस की स्वतंत्र समाचार साइट ‘मीडियाजोन’ की खबर के मुताबिक सारातोव की एक अदालत ने सोमवार को एक कलाकर और फोटोग्राफर इना मोसिना को इंस्टाग्राम पर ‘इंद्रधनुषी’ झंडे दिखाने के आरोप में करीब 16 डॉलर का जुर्माना लगाया।
खबर के मुताबिक पिछले सप्ताह एक अदालत ने अनासतासिया येरशोवा को सार्वजनिक रूप से ‘इंद्रधनुषी’ रंग के कपड़े पहनने के आरोप में पांच दिन की जेल की सजा सुनाई थी। वहीं दक्षिणी मास्को के वोलगोग्राद में एक अदालत ने सोशल मीडिया पर ‘इंद्रधनुषी’ झंडा कथित तौर पर पोस्ट करने के लिए 11 डॉलर का जुर्माना लगाया था।