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राष्ट्रपति की शक्तियों पर अंकुश का प्रस्ताव पेश

Last Updated- December 11, 2022 | 7:45 PM IST

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने राष्ट्रपति की शक्तियों पर अंकुश लगाने और संसद को सशक्त बनाने के लिए संविधान में 19वें संशोधन को बहाल करने का एक प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया। यह प्रस्ताव ऐसे समय में पेश किया गया है, जब श्रीलंका अप्रत्याशित आर्थिक संकट से जूझ रहा है और लोग लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पारंपरिक सिंहली और तमिल नव वर्ष के बाद संसद को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री राजपक्षे ने कहा कि यह महत्त्वपूर्ण है कि आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक आधार पर विभिन्न संकटों का समाधान खोजा जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि संविधान में संशोधन जरूर होना चाहिए। इसकी शुरुआत के तौर पर, 19वें संशोधन को आवश्यक एवं समयबद्ध परिवर्तनों के साथ लागू करना, देश की मौजूदा स्थिति के लिए सबसे अच्छा अल्पकालिक समाधान है।’ उन्होंने संसद से कहा, ‘मेरा मानना है कि 19ए को कुछ संशोधनों के साथ एक अल्पकालिक समाधान के रूप में बहाल किया जा सकता है।’ वर्ष 2015 में अपनाया गया 19ए राष्ट्रपति की शक्तियों को कम करता है और संसद को कार्यकारी राष्ट्रपति से अधिक शक्तियां देता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति के आशीर्वाद से हमें भविष्य में व्यापक संवैधानिक सुधार की ओर बढऩा चाहिए।’    

शहबाज शरीफ के मंत्रिमंडल ने ली शपथ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के मंत्रिमंडल के 34 सदस्यों ने कई दिन के विलंब के बाद आखिरकार मंगलवार को पद की शपथ ली। शरीफ मंत्रिमंडल में अनुभवी नेताओं और नौजवानों को शामिल किया गया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के नए मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद की शपथ दिलाने से इनकार करने के बाद सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजारानी ने उन्हें शपथ दिलवाई। मंत्रिमंडल के सदस्यों को सोमवार को शपथ ग्रहण करनी थी, लेकिन राष्ट्रपति अल्वी के उन्हें शपथ दिलाने से इनकार करने के बाद शपथ समारोह स्थगित कर दिया गया था। मंत्रिमंडल में 31 कैबिनेट मंत्रियों और तीन राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आज शाम इसकी पहली बैठक आहूत की है।     भाषा
रूस ने पूर्वी यूक्रेन पर तेज किए हमले
यूक्रेन के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए रूस ने अपने हमले तेज कर दिए हैं जिसके तहत सैकड़ों किलोमीटर लंबे मोर्चे के तहत आने वाले शहरों और कस्बों को निशाना बनाया जा रहा है और दोनों ही पक्षों ने इसे युद्ध का एक नया चरण बताया है। यूक्रेन की राजधानी पर कब्जे के रूसी प्रयासों को लगे झटके के बाद क्रेमलिन ने घोषणा की कि उसका मुख्य लक्ष्य पूर्वी डोनबास क्षेत्र पर कब्जा करना है। यदि अभियान सफल होता है तो यह आक्रमण राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को यूक्रेन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा और एक बेहद जरूरी जीत देगा जिसे वो युद्ध में बढ़ते हताहतों की संख्या और पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण लोगों को हो रही मुश्किलों के बीच उसे लोगों को समर्पित कर सकते हैं। हाल के हफ्तों में, कीव से पीछे हटने वाले रूसी बलों ने डोनबास में एक चौतरफा हमले की तैयारी में खुद को फिर से संगठित किया। यहां मास्को समर्थित अलगाववादी पिछले आठ वर्षों से यूक्रेनी सेना से लड़ रहे हैं और दो स्वतंत्र गणराज्यों की घोषणा की है जिन्हें रूस द्वारा मान्यता दी गई है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की ने एक वीडियो संबोधन में घोषणा की, ‘रूसी सैनिकों ने डोनबास के लिए लड़ाई शुरू कर दी है।’ उन्होंने कहा, ‘पूरी रूसी सेना का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा अब इस हमले पर केंद्रित है।’     भाषा

First Published - April 20, 2022 | 12:39 AM IST

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