पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नैशनल असेंबली भंग करने की प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश रविवार को मंजूर कर ली। विपक्षी दलों ने इस कदम को असंवैधानिक करार दिया और इसे चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। इससे देश में राजनीतिक और संवैधानिक संकट और गहरा गया। इससे पहले यह माना जा रहा था कि खान को नैशनल असेंबली में विपक्षी राजनेताओं के गठबंधन द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में हार का मुंह देखना पड़ेगा। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) के भी 12 से अधिक सांसद उनके खिलाफ हो गए थे। हालांकि 69 वर्षीय खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नैशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया। खान के पास 342 सदस्यीय नैशनल असेंबली में प्रभावी रूप से बहुमत नहीं था।
खान ने राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में कहा कि उन्होंने सदन को भंग करने और नए चुनाव कराने की सिफारिश की है। खान ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के लिए देश को बधाई देते हुए कहा कि उपाध्यक्ष ने ‘शासन बदलने के प्रयास (और) विदेशी साजिश को खारिज कर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र को नए चुनावों की तैयारी करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अविश्वास वास्तव में एक ‘विदेशी एजेंडा’ था। खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को नैशनल असेंबली भंग करने की सलाह दी है। खान ने कहा, ‘चुनाव की तैयारी करें। कोई भी भ्रष्ट ताकत तय नहीं करेगी कि देश का भविष्य क्या होगा। जब सदन भंग हो जाएगा, तो अगले चुनाव और कार्यवाहक सरकार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।’ बाद में, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के कार्यालय ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार नैशनल असेंबली को भंग कर दिया है। पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
इससे पहले उपाध्यक्ष सूरी ने प्रधानमंत्री खान के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को पाकिस्तान के संविधान और नियमों के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया। सूरी ने विपक्षी सांसदों के जोरदार विरोध के बीच फैसला सुनाया, ‘अविश्वास देश के संविधान और नियमों के अनुसार होना चाहिए। चूंकि यह कानून मंत्री द्वारा इंगित नहीं किया गया है, इसलिए मैं अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार करता हूं।’ विपक्षी दलों द्वारा अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद सूरी ने महत्त्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता की। स्तब्ध विपक्ष ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और नैशनल असेंबली को भंग करने की पूरी प्रक्रिया को संविधान के खिलाफ बताया। विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के परिसर को छोडऩे से इनकार कर दिया जो सुरक्षा कर्मियों द्वारा संरक्षित था। संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा, ‘हम उपाध्यक्ष के फैसले और प्रधानमंत्री द्वारा संसद भंग करने की सिफारिश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने जा रहे हैं।’ पाकिस्तान की सेना ने कहा कि देश में उत्पन्न राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति से उसका ‘कोई लेना देना नहीं’ है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, ‘नैशनल असेंबली में आज जो भी हुआ, उससे सेना का कोई लेना देना नहीं है।’ इस बीच देश की नवीनतम राजनीतिक स्थिति पर प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने संज्ञान लिया है। अदालत के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। शीर्ष अदालत के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने देश की मौजूदा स्थिति पर स्वत: संज्ञान लिया है। इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को पंजाब प्रांत के गवर्नर चौधरी सरवर को बर्खास्त कर दिया जबकि नए प्रांतीय मुख्यमंत्री का चुनाव टाल दिया गया। पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर सरदार दोस्त मुहम्मद मजारी ने इमरान खान सरकार को गिराने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री का चुनाव कराने से इनकार कर दिया और सत्र को छह अप्रैल तक के लिए टाल दिया।
