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पीएम मोदी का पोलैंड दौरा: यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत का आह्वान, कहा- युद्ध समस्या का समाधान नहीं

PM Modi's visit to Poland: भारत-पोलैंड ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक पहुंचाया

Last Updated- August 22, 2024 | 11:09 PM IST
PM Modi's visit to Poland: Call for talks on Ukraine conflict, war is not the solution to the problem PM मोदी का पोलैंड दौरा: यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत का आह्वान, युद्ध समस्या का समाधान नहीं

PM Modi’s visit to Poland: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर भारत का यह रुख दोहराया कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष से कोई नतीजा नहीं निकलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों को लड़ाई बंद कर बातचीत और कूटनीति के माध्यम से विवादों का समाधान करना चाहिए। मोदी ने पोलैंड के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध का स्तर बढ़ाकर इसे ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक पहुंचाने की भी घोषणा की।

पोलैंड के प्रधानमंत्री डॉनल्ड टस्क के साथ वारसॉ में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे मौजूदा संघर्ष हम सभी के लिए चिंता का विषय हैं। भारत इस बात में पूरी तरह विश्वास रखता है कि जंग के मैदान में किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।’ प्रधानमंत्री बुधवार को दो दिवसीय यात्रा पर पोलैंड गए थे और गुरुवार रात वह यूक्रेन रवाना हो गए।

मोदी ने कहा कि किसी भी संकट में निर्दोष लोगों की जान जाना पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा,’शांति एवं स्थायित्व के लिए भारत बातचीत एवं कूटनीति का रास्ता अपनाने का पक्षधर रहा है। इस कार्य में भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर हरसंभव प्रयास करने के लिए तैयार है।’

मोदी और टस्क ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार एक व्यापक, उचित एवं दीर्घ अवधि की शांति स्थापना पर जोर दिया। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘दोनों देशों ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के वैश्विक खाद्य एवं ऊर्जा संरक्षण पर असर पर भी बात हुई। विशेषकर विकासशील देशों पर इसके प्रभावों पर दोनों नेताओं ने विस्तार से बात की। इस युद्ध के परिप्रेक्ष्य में दोनों नेता इस विचार से सहमत थे कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इनके इस्तेमाल की धमकी कतई स्वीकार्य नहीं है।’

रणनीतिक साझेदारी

मोदी पिछले 45 वर्षों में पोलैंड के दौरे पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी का यह दौरा तब हुआ है जब भारत और पौलेंड अपने बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं तकनीक, रक्षा एवं सुरक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई।

मोदी ने पोलैंड की कंपनियों को भारत में तैयार हो रहे मेगा फूड पार्क के साथ जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘भारत में शहरीकरण तेजी से हो रहा है जिससे नई संभावनाओं का उदय हो रहा है। ये दोनों देशों के बीच जल उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और शहरी आधारभूत ढांचा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खोल रहे हैं।’

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा कि दोनों नेता इस बात से सहमत थे कि खाद्य प्रसंस्करण, शहरी बुनियादी ढांचा, जल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, इलेक्ट्रिक वाहन, हरित हाइड्रोजन, अक्षय ऊर्जा, एआई, खनन एवं स्वच्छ ऊर्जा तकनीक में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

मध्य यूरोप में पोलैंड भारतीय व्यापार एवं निवेश का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। पौलेंड यूरोपीय संघ की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यूरोपीय संघ परिषद का अगला अध्यक्ष बनने की तैयारी कर रहा है। मोदी की यात्रा का मकसद एक प्रमुख यूरोपीय अर्थव्यवस्था में भारत की उपस्थिति बढ़ाना है। पोलैंड कम लागत के साथ विनिर्माण एवं लॉजिस्टिक का प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।

दोनों पक्ष डिजिटलीकरण और साइबर सुरक्षा उपायों पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश रक्षा संबंधों को मजबूती देने के लिए रक्षा सहयोग के लिए संयुक्त कार्य समूह का पूर्ण इस्तेमाल करने पर सहमत हुए हैं।

पोलैंड में भारत की कई सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियां जैसे टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेस (टीसीएस), एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस और विप्रो की उपस्थिति है। पिछले एक दशक में दवा कंपनी रैनबैक्सी, बर्जर पेंट्स और एस्कॉर्ट्स की विनिर्माण इकाइयां भी खुली हैं।

First Published - August 22, 2024 | 11:09 PM IST

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