पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों ने उत्पादन पर लागू नियंत्रण में उठाने की भारत की अपील को अनसुना कर दिया।
सउदी अरब ने भारत से कहा कि वह पिछले साल जब कच्चे तेल के दाम काफी नीचे चले गए थे, उस समय खरीदे गए कच्चे तेल का इस्तेमाल कर सकता है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओपेक देशों की गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले इन देशों से अपील की थी कि कच्चे तेल के दाम में स्थिरता लाने के लिये वह उत्पादन पर लागू बंदिशों को कम करें। उनका मानना था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ते कच्चे तेल के दाम से आर्थिक क्षेत्र में आने वाला सुधार और मांग दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है।
ओपेक देशों की बैठक के बाद संवददाता सम्मेलन में भारत के आग्रह के बारे में पूछे गए सवाल पर सउदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा कि भारत को पिछले साल काफी कम दाम पर खरीदे गए कच्चे तेल के भंडार में से कुछ तेल का इस्तेमाल कर लेना चाहिए। भारत ने पिछले साल जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम काफी कम दाम पर चल रहे थे, अपने रणनीतिक भंडारों को भरने के लिए एक करोड़ 67 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की थी। उस कच्चे तेल का औसत मूल्य 19 डॉलर प्रति बैरल पड़ा था।
बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढऩे के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं। तेल कंपनियों ने यदि कच्चे तेल के दाम में आई ताजा वृद्धि को भी ग्राहकों पर डाल दिया तो इनकी खुदरा कीमतें और बढ़ जाएंगी।