facebookmetapixel
50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशीRupee vs Dollar: रुपया 88.44 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बनीब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

लो, अब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर कर दी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमलों में 46 लोगों की मौत हो गई। हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकी शिविर को नष्ट करने के लिए था।

Last Updated- December 25, 2024 | 9:47 PM IST
खैबर-पख्तूनख्वा में आत्मघाती हमले में छह चीनी नागरिक मारे गए, Pakistan: Six Chinese citizens killed in suicide attack in Khyber-Pakhtunkhwa

पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हवाई हमलों में 46 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता हमदुल्लाह फितरत ने बुधवार को यह जानकारी दी।

फितरत ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा से सटे पकतीका प्रांत के बरमाल जिले में चार ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में मारे गए लोग शरणार्थी थे। उन्होंने कहा कि इन हमलों में छह लोग घायल भी हुए हैं। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने एक दिन पहले नाम न उजागर करने की शर्त पर ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया था कि मंगलवार का अभियान पकतीका में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के एक संदिग्ध प्रशिक्षण शिविर को नष्ट करने और आतंकवादियों का सफाया करने के लिए चलाया गया था।

इससे पहले, टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने एक बयान में दावा किया कि हमलों में 27 महिलाओं और बच्चों सहित 50 लोगों की जान चली गई। उसने कहा कि मृतकों में ‘निहत्थे शरणार्थी’ शामिल हैं, जो उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान के हमलों के कारण भागकर अफगानिस्तान आ गए थे। टीटीपी ने कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और आरोप लगाया कि ये पाकिस्तानी हमलों में मारे गए बच्चों की हैं। ये हमले अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक द्वारा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के वास्ते काबुल की यात्रा करने के कुछ घंटों बाद हुए।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने काबुल में पाकिस्तान के राजदूत को तलब कर पाकिस्तानी सेना के हवाई हमलों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जब पाकिस्तान की असैन्य सरकार का एक प्रतिनिधि अफगान अधिकारियों के साथ बातचीत में व्यस्त था, तो पाकिस्तानी सेना ने “दोनों देशों के बीच रिश्तों में अविश्वास पैदा करने” के लिए हमले किए।

बयान में कहा गया है कि काबुल “किसी भी सूरत में देश की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा, अफगानिस्तान अपनी स्वतंत्रता एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए तैयार है और ऐसे गैर-जिम्मेदाराना कृत्यों के निश्चित रूप से परिणाम होंगे।”

पकतीका के लोगों ने ‘एपी’ के एक संवाददाता को फोन पर बताया कि कम से कम 13 की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि घायलों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है और उनमें से कई की हालत गंभीर है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। पाकिस्तान ने हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, बुधवार को पाकिस्तानी सेना ने कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर रातभर चलाए गए अभियान में सुरक्षा बलों ने पूर्वी अफगानिस्तान के पकतीका प्रांत से सटे दक्षिण वजीरिस्तान जिले में 13 आतंकवादियों को मार गिराया।

पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री मोहसिन नकवी ने एक बयान में ‘आतंकवादियों’ के ‘नापाक मंसूबों’ पर पानी फेरने के लिए “पाकिस्तान के बहादुर सुरक्षा बलों” की प्रशंसा की। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले किए जाने का जिक्र नहीं किया। इन हमलों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है। अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने हमलों की निंदा करते हुए कहा कि ज्यादातर पीड़ित वजीरिस्तान क्षेत्र में रहने वाले शरणार्थी थे। उसने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।
बुधवार को पाक-अफगान सीमा पर हालात सामान्य दिखे। हालांकि, सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि टीटीपी पाकिस्तान में जवाबी हमले कर सकता है। टीटीपी एक अलग आतंकवादी संगठन है, लेकिन उसे अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी माना जाता है, जो अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ था। मार्च में पाकिस्तान ने कहा था कि अफगानिस्तान के अंदर सीमावर्ती इलाकों में खुफिया जानकारी के आधार पर हमले किए गए।

पाकिस्तान में पिछले दो दशक में बड़ी संख्या में आतंकवादी हमले हुए हैं, लेकिन हाल के महीनों में इनमें वृद्धि हुई है। टीटीपी ने पिछले सप्ताहांत देश के उत्तर-पश्चिम में एक जांच चौकी पर हमला किया था, जिसमें कम से कम 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तानी अधिकारियों ने तालिबान पर साझा सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है। हालांकि, तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के आरोप खारिज करते हुए कहा है कि वह किसी भी संगठन को किसी भी देश के खिलाफ हमले करने की इजाजत नहीं देती है।

First Published - December 25, 2024 | 9:24 PM IST

संबंधित पोस्ट