वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा व्यापार समझौते की समीक्षा करने के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के साथ चर्चा चल रही है। इसमें मौजूदा चुनौतियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गोयल और मलेशिया के उद्योग मंत्री टी जफरुल अजीज के बीच बैठक के दौरान इस विषय पर बातचीत हुई। मलेशिया आर्थिक मामलों पर आसियान में भारत का स्थायी कोऑर्डिनेटर भी है। आसियान में ब्रुनेई, दारुस्लाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
दोनों मंत्रियों ने ‘निष्पक्ष व्यापार’ प्रथाएं सुनिश्चित करने के लिए तेजी से चर्चा करने की जरूरत पर भी बात की। साथ ही भारत और आसियान देशों के बीच व्यापक व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मलेशिया के निवेश, व्यापार और उद्योग मंत्री टी जफरुल अजीज के साथ सार्थक बैठक हुई। निष्पक्ष व्यापार और संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए आसियान के सदस्य देशों के साथ तेज़ी से बातचीत की आशा है। हमने दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर आगे की बातचीत पर भी चर्चा की।’
भारत और आसियान के बीच व्यापार समझौते की सुस्त रफ्तार को देखते हुए यह बैठक महत्त्वपूर्ण है। अगस्त 2023 में दोनों पक्षों ने वस्तुओं पर हुए मौजूदा समझौते की 2025 तक पूर्ण समीक्षा की घोषणा की थी। करीब आधे दशक से ज्यादा समय से भारत व्यापार समझौते की तत्काल समीक्षा की जरूरत पर जोर दे रहा है, क्योंकि आसियान देशों से भारत को होने वाले आयात में तेज वृद्धि हुई है, जबकि भारत से निर्यात इसके आयात की तुलना में सुस्त है। भारतीय उद्योग भी सभी आसियान देशों में उचित व बाजार तक समान पहुंच की मांग कर रहा है।
इसके पहले गोयल ने भारत और आसियान के बीच व्यापार समझौते को गलत संकल्पना वाला और भारत के उद्योगों के लिए अनुचित करार दिया था। पिछले साल बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में गोयल ने कहा था कि अगर आसियान देश गैर कर बाधाओं को दूर नहीं करते हैं तो भारत जवाबी कार्रवाई करने पर विचार कर सकता है। सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान भारत ने 38.96 अरब डॉलर की वस्तु का निर्यात किया, जबकि आयात 5.6 प्रतिशत बढ़कर 84.16 अरब डॉलर हो गया है।