वैश्विक सूचकांक प्रदाता एमएससीआई ने भारत और चार अन्य उभरते बाजारों (ईएम) को प्रतिबंधात्मक नीतियों पर चेतावनी देते हुए कहा है कि विदेेशी निवेश में बाधा पैदा करने पर उन्हें डाउनग्रेड किया जा सकता है। पूंजी पर लगातार नियंत्रण रखने के कारण उसने अर्जेंटीना का उभरते बाजार का दर्जा खत्म कर दिया है।
एमएससीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘ब्राजील, चीन (ए शेयर), भारत, कोरिया और तुर्की के लिए बाजार पहुंच मापदंड में निवेश साधनों की उपलब्धता को निम्न रेटिंग ही दी जा रही है। वैश्विक बाजार भागीदार सोचते हें कि स्टॉक एक्सचेंजों को घरेलू या वैश्विक स्तर पर निवेश साधनों की उपलब्धता को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से बाधित नहीं करना चाहिए।’
लाखों करोड़ डॉलर का निवेश करने वाले फंडों की नजर एमएससीआई के लोकप्रिय सूचकांकों जैसे एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स और एमएससीआई एशिया पैसिफिक एक्स जापान इंडेक्स पर रहती है। इसलिए देश या शेयर का भारांश बदलने पर लाखों डॉलर इधर-उधर हो जाते हैं।
चीन, दक्षिण कोरिया और भारत प्रमुख उभरते बाजार हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि इन बाजारों की हैसियत देखते हुए उनसे उभरते बाजार का दर्जा छीने जाने की आशंका तो नहीं है मगर एमएससीआई कथित विदेशी समावेशन कारक कम कर सकती है। इससे उनका भारांश कम होगा और विदेशी निवेश की आवक घटेगी। इस समय एमएससीआई ईएम और एशिया पैसिफिक एक्स जापान इंडेक्स में भारत का करीब 10-10 फीसदी भारांश है। एमएससीआई ने कहा, ‘याद रहे कि दुनिया के किसी भी बाजार में किसी एक्सचेंज द्वारा निवेश साधनों की उपलब्धता कम करने वाली तथा शेयर बाजार में पहुंच घटाने वाली प्रतिस्पद्र्घारोधी नीति के कारण उस बाजार को नीचे की श्रेणी में डाला जा सकता है। एक्सचेंजों और नियामकों को ध्यान रहे कि सूचकांक निवेश साधनों की उपलब्धता कम करने वाली नीतियां वैश्विक निवेशकों के लिए मुश्किल बढ़ा रही हैं।’
