प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करने वाले हैं। वह सात वर्षों के बाद चीन जाएंगे। सरकार के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि चीन में उतरने से पहले प्रधानमंत्री मोदी का 29 अगस्त को जापान जाने का भी कार्यक्रम है।
सूत्रों ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी होने वाली है। हालांकि सरकार से प्रधानमंत्री मोदी की शी के साथ बैठक की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है, लेकिन इस तरह की बैठक भारत-अमेरिका के साथ-साथ अमेरिका-चीन संबंधों में हालिया तनाव के मद्देनजर दुनिया का ध्यान आकर्षित करेगी क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दोनों देशों पर टैरिफ की घोषणा की है। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री की चीन यात्रा से पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी सीमा के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों के संवाद के अगले चरण की वार्ता के लिए भारत का दौरा करेंगे।
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को रूसी तेल की लगातार खरीद के लिए दंड के रूप में भारत से आने वाले सामान पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपनी धमकी पर अमल किया, जिससे भारतीय सामान पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया।
रिपोर्टों के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन भी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं, जो चीन के तियानजिन में होने वाला है। पुतिन और शी की द्विपक्षीय वार्ता 2 सितंबर को होने वाली है और रूसी राष्ट्रपति 3 सितंबर को पेइचिंग में एशिया में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के 80 साल पूरे होने के अवसर पर कार्यक्रमों में भाग लेंगे। रूस, चीन और भारत न केवल एससीओ के सदस्य हैं, बल्कि ब्रिक्स के भी सदस्य हैं, जिसकी शिखर बैठक जुलाई में रियो डी जनेरियो में हुई थी। शी और पुतिन ने इसमें भाग नहीं लिया था। यहां उन्होंने अपने डिप्टी भेजे थे।
सरकारी सूत्रों ने पेइचिंग से 140 किलोमीटर दूर स्थित तियानचिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर पुतिन और मोदी के बीच बैठक से इनकार नहीं किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मोदी के चीन पहुंचने से पहले मॉस्को जाएंगे।
बीते 1 अप्रैल को भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने संदेश में चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा था कि दोनों देशों को ‘ड्रैगन और हाथी की जुगलबंदी भरी कदमताल का आनंद लेना चाहिए।’
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मोदी और शी की आखिरी मुलाकात 23 अक्टूबर, 2024 को रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी। इस बैठक के बाद दोनों देशों की सीमाओं पर जून 2020 से चले आ रहे तनाव को कम करने में मदद मिली थी और तनाव वाले बिंदुओं पर दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की शुरुआत हुई थी। यही नहीं नवंबर 2024 तक इसे पूरा कर लिया गया। इसने मानसरोवर यात्रा, चीनी पर्यटकों के लिए वीजा और दोनों पक्षों द्वारा सीधी उड़ानों को पुनर्जीवित करने का रास्ता भी खोला था।