facebookmetapixel
GST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशनउच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकता

COVID-19: आंकड़ों के विश्लेषण के बाद चीन में बड़ी संख्या में मौत की आशंका जताई गई

Last Updated- December 21, 2022 | 4:52 PM IST
Covid

कोविड-19 के नये स्वरूप से उत्पन्न स्थिति को लेकर जहां भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को तत्काल बैठक आयोजित की, वहीं विभिन्न आंकड़ों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि चीन में सख्त ‘जीरो कोविड नीति’ को वापस लिये जाने के बाद संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है।

‘द इकोनॉमिस्ट’ में प्रकाशित हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों के संक्रमित होने की दर और अन्य परिस्थितियों के अध्ययन के आधार पर लगभग 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जतायी गयी है। ये आंकड़े अन्य हालिया आंकड़ों से भी मेल खाते हैं, जिनमें ‘द लांसेट’ पत्रिका की पिछले सप्ताह की एक रिपोर्ट भी शामिल है।

इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चीन में पाबंदियों में ढील दिये जाने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से 13 लाख से 21 लाख लोगों की मौत हो सकती हैं। ‘द लांसेट’ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मौतों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि बुजुर्गों और कमजोर लोगों को कितनी संख्या में कोविड-रोधी टीके लगाये गये हैं।’

इसमें कहा गया है, ‘ब्रिटेन के सीरोलॉजिकल अध्ययनों से पता चला है कि देश में लगभग सभी में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटी-बॉडी हैं। चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनमें प्राकृतिक प्रतिरक्षा का स्तर निश्चित रूप से कम होगा। महामारी के दौरान देश में कोविड-19 के 20 लाख से भी कम मामले दर्ज किए गये थे।’

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर झेंगमिंग चेन ने नीति में बदलाव के समय पर सवाल उठाया है। चेन ने ‘द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन’ को बताया, ‘चीन ने कोविड पाबंदियों को हटाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किये। उन्हें टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए था और मीडिया, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और आम जनता को तैयार करना चाहिए था। मैंने पिछले छह महीनों में इनमें से कुछ भी होते हुए नहीं देखा है।’

इस बीच दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अचानक तेजी के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को नयी दिल्ली में देश में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सजग रहने और निगरानी तंत्र मजबूत करने का निर्देश दिया।

मांडविया ने एक ट्वीट में कहा, ‘कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर आज विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधित लोगों को सजग रहने और निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिाए तैयार हैं।

First Published - December 21, 2022 | 4:52 PM IST

संबंधित पोस्ट