दक्षिण अफ्रीका सहित कुछ देशों में कोरोनावायरस की नई किस्म सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आ गया है और इसे रोकने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहता। मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि बाहर से आने वाले यात्रियों में कोविड संक्रमण पाए जाने पर न केवल उन्हें पृथकवास यानी आइसोलेशन में रखा जाए बल्कि उनके संपर्क में आए लोग भी आइसोलेट किए जाएं। जिनमें कोविड के लक्षण नहीं मिलें, उन पर भी बाद में लक्षणों का पता करने के लिए नजर रखी जाए।
स्वास्थ्य मंत्रालय का यह सख्त दिशानिर्देश यह पता चलने के बाद आया है कि 32 साल का एक शख्स दुबई के रास्ते केपटाउन से दिल्ली पहुंच गया और वहां से मुंबई के डोंबिवली स्थित अपने घर पर भी चला गया। ओमीक्रोन से प्रभावित देशों से 14 से 26 नवंबर के बीच भारत लौटे लोगों का पता लगा रही मुंबई की स्थानीय निकाय टीम के अधिकारियों ने उसे रविवार को उसके घर से उठाया। उस व्यक्ति के नमूने को कस्तूरबा अस्पताल की जीनोम सीक्वेंस प्रयोगशाला में भेजा गया है। अगर उसमें ओमीक्रोन वायरस मिलता है तो देश में वायरस की नई किस्म के संक्रमण का यह पहला मामला होगा।
राज्य के स्वास्थ्य सचिवों और मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने लिखा, ‘संक्रमित व्यक्ति को दिशानिर्देशों के मुताबिक पृथकवास में रखना होगा और नमूने को जीनोम सीक्वेंस जांच के लिए भेजना होगा।’ नए दिशानिर्देश के मुताबिक संक्रमित के संपर्क में आने वाले यात्रियों को भी सरकारी पृथकवास या होम क्वारंटीन में रहना होगा और राज्य सरकार द्वारा उसकी सख्त निगरानी की जानी चाहिए।
भूषण के पत्र में कहा गया है, ‘जिन यात्रियों की जांच नहीं हुई है और जिनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई है, उनका हालचाल राज्य निगरानी इकाई को दूसरे और पांचवें दिन लेना चाहिए तथा लक्षण दिखने पर आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए।’ राज्यों को अन्य राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के साथ सक्रियता से काम करने की सलाह दी गई है ताकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही पर प्रभावी तरीके से नजर रखी जा सके। जोखिम वाले देशों जैसे ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्स्वाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, सिंगापुर आदि से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है कि यात्रियों को एयर सुविधा पोर्टल पर स्व-घोषित फॉर्म में अपने गंतव्य पते का भी उल्लेख करना होगा और साथ ही पिछले 14 दिन के यात्रा का भी विवरण देना होगा ताकि उनका पता लगाया जा सके। केंद्र के दिशानिर्देशों के अलावा कुछ राज्यों ने बाकी बचे लोगों को टीका लगाने पर ध्यान देने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण से वायरस की नई किस्म से लडऩे की बेहतर संभावना होगी। तमिलनाडु ने करीब 90 लाख लोगों तक सीधी पहुंच की योजना बनाई है, जिन्होंने अभी तक एक भी खुराक नहीं ली है। राज्य में 83 लाख लोगों ने टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे राधकृष्णन ने कहा, ‘100 फीसदी आरटी-पीसीआर किया जा रहा है और संक्रमित पाए जाने पर जीनोम सीक्वेंस भी किया जा रहा है।’ केरल ने अधिक जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों के लिए मौजूदा सात दिन की पृथकवास को बढ़ाकर 14 दिन कर दिया है। अगर कोई यात्री नेगेटिव पाया भी जाएगा तो उन्हें अनिवार्य रूप से होम क्वारंटीन में रहने का निर्देश दिया जाएगा। अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से 5 फीसदी की औचक जांच की जाएगी। केरल में 96 फीसदी लोगों ने टीके की पहली खुराक ले ली है और 63 फीसदी को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।
