Israel-Hamas war: इजराइल पर हमास के आतंकवादियों के एकाएक हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को तेज बढ़ोतरी देखी गई। सोमवार के कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 3 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा बढ़कर 87 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गईं। इजराइल और फिलिस्तीनी इस्लामी ग्रुप हमास के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के कारण कच्चे तेल की सप्लाई में बाधा पड़ने की आशंका ने जोर पकड़ लिया है।
तेल कार्टेल ओपेक (OPEC) द्वारा 5 अक्टूबर की मीटिंग में प्रोडक्शन में कटौती को स्थिर रखने के प्रस्ताव के बाद पिछले सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें साल के उच्चतम स्तर से लगभग 9 प्रतिशत कम हो गईं। जैसा कि विश्लेषकों को डर है कि पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे तेल की कीमतें कुछ समय तक ऊंची बनी रह सकती हैं।
हालांकि, विश्लेषकों को नहीं लगता कि इजराइल-फिलिस्तीन के बीच जारी खूनी संघर्ष के जोखिम के बीच कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं और ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं। यदि युद्ध लंबे समय तक जारी रहता है, तो कच्चे तेल की कीमतों में कुछ बढ़त देखने को मिल सकती है, लेकिन यह संभावना नहीं है कि वे 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से आगे जाएंगी।
इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध तेल सप्लाई के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करती हैं, लेकिन इस बात का जोखिम बना हुआ है कि यह संघर्ष अधिक विनाशकारी युद्ध में बदल सकता है, जिससे अमेरिका और ईरान उलझ सकते हैं। हमलों में इस्लामिक रिपब्लिक के शामिल होने की खबरों के बीच तेहरान के खिलाफ कोई भी संभावित जवाबी कार्रवाई होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) के माध्यम से जहाजों के गुजरने के मार्ग को खतरे में डाल सकती है। बता दें कि यह एक महत्वपूर्ण जलीय मार्ग है जिसे ईरान ने पहले बंद करने की धमकी दी थी। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती है।