facebookmetapixel
2025 में ₹7 लाख करोड़ डूबने के बाद Nifty IT Index में आई सबसे बड़ी तेजी, आगे क्या करें निवेशकट्रंप बोले- मेरे पास अब तक के सबसे अच्छे नंबर हैं, तीसरी बार चुनाव लड़ना पसंद करूंगा15 लाख कर्मचारियों वाली Amazon करेगी 30,000 की छंटनी, खर्च घटाने की बड़ी मुहिम शुरूStock Market today: गिरावट के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 153 अंक नीचे, निफ्टी भी फिसलाStocks to Watch today: टाटा कैपिटल से लेकर अदाणी एनर्जी तक, इन शेयरों पर रहेगी आज नजर₹70,000 करोड़ की वैल्यूएशन वाली Lenskart ला रही है 2025 का पांचवां सबसे बड़ा IPOरूसी तेल पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया, अमेरिकी दबाव के बीच जयशंकर का पलटवारकोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किएबीमा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी पर शुरुआती चुनौतियांइलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 5,532 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं मंजूर

Israel-Hamas war: क्रूड ऑयल की कीमतों में लगी आग, 3 डॉलर प्रति बैरल बढ़े दाम

Israel-Hamas War Updates: विश्लेषकों को डर है कि पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे तेल की कीमतें कुछ समय तक ऊंची बनी रह सकती हैं।

Last Updated- October 09, 2023 | 5:59 PM IST
Crude Oil

Israel-Hamas war: इजराइल पर हमास के आतंकवादियों के एकाएक हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को तेज बढ़ोतरी देखी गई। सोमवार के कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 3 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा बढ़कर 87 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गईं। इजराइल और फिलिस्तीनी इस्लामी ग्रुप हमास के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के कारण कच्चे तेल की सप्लाई में बाधा पड़ने की आशंका ने जोर पकड़ लिया है।

कुछ समय तक ऊंची बनी रह सकती है कच्चे तेल की कीमतें

तेल कार्टेल ओपेक (OPEC) द्वारा 5 अक्टूबर की मीटिंग में प्रोडक्शन में कटौती को स्थिर रखने के प्रस्ताव के बाद पिछले सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें साल के उच्चतम स्तर से लगभग 9 प्रतिशत कम हो गईं। जैसा कि विश्लेषकों को डर है कि पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे तेल की कीमतें कुछ समय तक ऊंची बनी रह सकती हैं।

Also read: Israel-Palestine War : इजराइली खुफिया एजेंसियों पर उठे सवाल, कैसे नहीं लगी हमास के इतने बड़े हमले की भनक?

हालांकि, विश्लेषकों को नहीं लगता कि इजराइल-फिलिस्तीन के बीच जारी खूनी संघर्ष के जोखिम के बीच कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं और ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं। यदि युद्ध लंबे समय तक जारी रहता है, तो कच्चे तेल की कीमतों में कुछ बढ़त देखने को मिल सकती है, लेकिन यह संभावना नहीं है कि वे 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से आगे जाएंगी।

तेल सप्लाई में बाधा पड़ने की आशंका

इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध तेल सप्लाई के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करती हैं, लेकिन इस बात का जोखिम बना हुआ है कि यह संघर्ष अधिक विनाशकारी युद्ध में बदल सकता है, जिससे अमेरिका और ईरान उलझ सकते हैं। हमलों में इस्लामिक रिपब्लिक के शामिल होने की खबरों के बीच तेहरान के खिलाफ कोई भी संभावित जवाबी कार्रवाई होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) के माध्यम से जहाजों के गुजरने के मार्ग को खतरे में डाल सकती है। बता दें कि यह एक महत्वपूर्ण जलीय मार्ग है जिसे ईरान ने पहले बंद करने की धमकी दी थी। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती है।

First Published - October 9, 2023 | 5:30 PM IST

संबंधित पोस्ट