facebookmetapixel
क्या आपका डिजिटल गोल्ड अब खतरे में है? एक्सपर्ट ने दी राय – होल्ड करें या कैश आउट करें?Groww IPO: ₹114 पर लिस्टिंग के बाद 5% चढ़ा शेयर, बेच कर निकल लें या लॉन्ग टर्म के लिए करें होल्ड?Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी आज भी हुए महंगे! गोल्ड 1,24,400 रुपये के करीब; सिल्वर 1,55,600 रुपये के स्तर परTata Group में नई पीढ़ी की एंट्री! नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा बने ट्रस्टी, जानिए क्या है रतन टाटा से कनेक्शनभारत-भूटान ने किए 7 समझौते, 4000 करोड़ रुपये के ऊर्जा ऋण का ऐलान₹12 तक डिविडेंड पाने का आज आखिरी मौका! कल ये 6 कंपनियां करेंगी एक्स डेट पर ट्रेडलाल किले के पास विस्फोट की जांच अब NIA करेगी, पुलवामा से जुड़े मॉड्यूल पर सतर्कताअचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट तेजी का मौका! एनालिस्ट ने बताए 3 स्टॉक्स जो पहुंच सकते हैं ₹2,980 तकग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य में बदलाव, 2030 तक 30 लाख टन उत्पादन का नया टारगेट

पांच मध्य एशियाई देशों से रिश्तों में दिलचस्पी

Last Updated- December 11, 2022 | 9:37 PM IST

भारत और पांच मध्य एशियाई देशों (सीएआरएस) कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच एक नई संस्थागत शिखर स्तरीय वर्चुअल वार्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इन देशों के राष्ट्रपतियों के बीच गुरुवार को शुरू हुई। इस वार्ता में संपर्क, व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई जिसमें चाबहार बंदरगाह पर एक संयुक्त कार्यसमूह बनाने की बात भी शामिल थी। भारत-सीएआरएस शिखर सम्मेलन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और सीएआर के बीच हुई इसी तरह के शिखर सम्मेलन के कुछ दिनों बाद आयोजित किया गया है। अफगानिस्तान और आसपास के पड़ोसी देशों को इस चर्चा में प्रमुखता से जगह दी गई और अफगानिस्तान पर एक आधिकारिक संयुक्त कार्य समूह बनाने की बात भी की गई। हालांकि विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन (जो कजाकिस्तान का पड़ोसी है) के मुद्दे और यूक्रेन में रूस द्वारा सैन्य बलों के संभावित प्रयोग पर  ‘बैठक में चर्चा नहीं की गई’।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा को भारत और मध्य एशिया के देशों के लिए एकसमान ‘चिंता का विषय’ करार दिया और गुरुवार को कहा कि सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्य को हासिल करने के लिए भारत और मध्य एशिया के देशों का आपसी सहयोग अनिवार्य है। डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हुए अपने आरंभिक संबोधन में मोदी ने यह बात कही।   

First Published - January 27, 2022 | 11:08 PM IST

संबंधित पोस्ट