H-1B वीजा पर अमेरिका में कार्यरत भारतीय पेशेवरों के लिए स्थिति दिनों-दिन गंभीर होती जा रही है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, हर छह में से एक भारतीय पेशेवर (या उनके परिचित) को नौकरी छूटने के 60 दिन की तय ग्रेस पीरियड के भीतर ही निर्वासन नोटिस (NTA) मिल चुका है। यह जानकारी Blind ऐप पर हुए एक सर्वेक्षण में सामने आई है, जो वेरिफाइड प्रोफेशनल्स के लिए एक गुमनाम मंच है।
H-1B वीजा नियमों के तहत, नौकरी छूटने के बाद वीजाधारक को या तो नई नौकरी ढूंढनी होती है, या वीजा स्टेटस बदलना होता है, या फिर अमेरिका छोड़ना होता है—और इसके लिए उन्हें 60 दिन का समय दिया जाता है। लेकिन 2025 के मध्य से रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि कई मामलों में सिर्फ दो हफ्तों में ही NTA जारी कर दिए जा रहे हैं, जिससे व्यक्ति “आउट ऑफ स्टेटस” करार दिए जा रहे हैं।
एक मेटा कर्मचारी ने Blind ऐप पर लिखा, “कई मामलों में सिर्फ 2 हफ्ते में ही NTA भेजा गया। इमीग्रेशन वकील अब सलाह दे रहे हैं कि नौकरी खत्म होते ही जल्द से जल्द अमेरिका छोड़ दें, वरना स्थायी प्रतिबंध लग सकता है।” एक अन्य सर्वे में 45% भारतीय H-1B पेशेवरों ने कहा कि यदि मजबूरी में अमेरिका छोड़ना पड़ा, तो वे भारत लौट जाएंगे।
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वापसी में रुकावटों के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
जब पूछा गया कि क्या वे दोबारा H-1B वीजा चुनेंगे, तो सिर्फ 35% ने ‘हां’ कहा, बाकी या तो अनिश्चित थे या नकारात्मक।
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H-1B वीजा अब पहले जितना आकर्षक विकल्प नहीं रह गया है। बढ़ते अनिश्चितता, कड़े नियम और जल्दबाज़ी में भेजे जा रहे निर्वासन नोटिसों ने भारतीय पेशेवरों को गंभीर दुविधा में डाल दिया है। कई लोग मजबूर होकर भारत वापसी या दूसरे देशों की ओर रुख कर रहे हैं।
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