भारत ने बुधवार को कहा कि वह रूस की तेल खरीद पर पश्चिमी देशों द्वारा कीमत का प्रतिबंध लगाए जाने के प्रस्ताव की जांच करेगा। हालांकि कुछ स्थानीय रिफाइनरों ने 5 दिसंबर के बाद की डिलिवरी के लिए रूस के कार्गो से संपर्क साधा है, जब यह सीमा प्रभावी होगी।
सबसे अमीर 7 अर्थव्यवस्थाओं का समूह (जी-7) 5 दिसंबर से रूस के तेल निर्यात पर कीमत तय किए जाने की व्यवस्था लागू करने की कोशिश कर रहा है, जब यूरोपीय संघ द्वारा रूस के कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लागू होने वाला है।
रूस के तेल पर मूल्य की सीमा तय किए जाने के फैसले का पालन करने के बारे में पूछे जाने पर भारत के तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि जापान और साखलिन के लिए छूट है, ऐसे में जो कच्चा तेल पाइपलाइन से आता है, उस पर छूट रहेगी। हम इस मामले को देखेंगे।’
यूक्रेन में रूस के हस्तक्षेप और कुछ पश्चिमी देशों द्वारा रूस से तेल की खरीद रोकने के बाद भारत रूस के कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। रूस के तेल का सबसे बड़ा खरीदार चीन है।
