भारत और ब्रिटेन ने यूक्रेन पर रूस के हमले पर अपने मतभेद ताक पर रखकर मुक्त व्यापार समझौते के बारे में हत्त्वाकांक्षी लक्ष्य सामने रख लिया। दोनों पक्षों ने तय किया कि इस साल अक्टूबर में दीवाली तक ‘व्यापक एवं संतुलित’ मुक्त व्यापार समझौता कर लिया जाएगा ताकि 2030 तक उनके बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो सके।
भारत की दो दिन की यात्रा पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा, सुरक्षा और व्यापार साझेदारी बढ़ाने के उपायों की घोषणा की। जॉनसन ने कहा कि दुनिया भर में चल रही तानाशाही और तानाशाह रवैये के प्रति भारत भी ब्रिटेन की ही तरह चिंतित है। हालांकि उन्होंने माना कि भारत और रूस के बीच बहुत पुरानी मित्रता है। द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने ‘नागरिकों की मौत की एक स्वर में निंदा की और शत्रुता फौरन खत्म करने तथा टकराव का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की जरूरत एक बार फिर बताई।’
दोनों नेताओं ने दोनों राष्ट्रों के बीच बाजार की उपलब्धता से जुड़े मुद्दे ‘संतुलित तरीके’ से जल्द से जल्द सुलझाने का आह्वान किया और कहा कि व्यापार समझौता व्यापारिक एवं वाणिज्यिक रिश्तों की समूची संभावना का दोहन करेगा तथा रोजगार, निवेश एवं निर्यात बढ़ाएगा।
जॉनसन ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वार्ता का अगला दौर यहां अगले हफ्ते शुरू होगा, इसलिए हम अपने वार्ताकारों से इसे अक्टूबर में दीवाली तक निपटा देने के लिए कह रहे हैं। इससे दशक के अंत तक हमारा व्यापार और निवेश दोगुना हो सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘अब हमें मुक्त व्यापार समझौते पर पहुंचना होगा, जहां आप शुल्क हटा सकें – आप हमारी मशीनरी और सेब से शुल्क हटा सकते हैं – बल्कि सेब से तो आप शुल्क हटा भी चुके हैं और बदले में हम आपके चावल तथा कपड़े से शुल्क हटा सकते हैं।’ जॉनसन ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘व्हिस्की पर शुल्क मुश्किल मसला है। इसे सुलझा लिया तो उससे अच्छी कोई बात नहीं। मौके बहुत हैं और हम यह काम कर सकते हैं।’पिछले साल मई में दोनों राष्ट्रों ने विस्तृत व्यापार साझेदारी आरंभ करने का ऐलान किया था, जिसमें व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत करना तथा जल्द ही लाभ उठाने के लिए अंतरिम व्यापार समझौते पर बात करना शामिल है।
व्यापार समझौते से एक-दूसरे के बाजार में दाखिल होने में आ रही समस्याएं सुलझ जाएंगी, निर्यात बढ़ेगा और दोनों देशों के बीच व्यापार साझेदारी बढ़ जाएगी। लेकिन लगता है कि दोनों पक्ष अब अंतरिम सौदे को छोड़कर सीधे एफटीए पर बातचीत करने का फैसला कर चुके हैं। एफटीए पर बातचीत का पहला दौर जनवरी में और दूसरा दौर मार्च में हुआ था। तीसरा दौर सोमवार को यहीं शुरू होगा।
मोदी ने कहा कि फरवरी से भारत दो व्यापार संधि कर चुका है, जिनमें एक संयुक्त अरब अमीरात के साथ और दूसरी ऑस्ट्रेलिया के साथ है। उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन के साथ व्यापार संधि के मामले में भी भारत उसी गति तथा संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा।’ दोनों देशों ने एक-दूसरे के नर्सिंग कर्मचारियों की पात्रता को मान्यता देने और उसके लिए ढांचा तैयार करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की उम्मीद की। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं तथा कानूनी सेवाओं से जुड़े लंबित मामलों तथा क्षेत्रों पर भी सहयोग जारी रहने पर रजामंदी जताई। एक अलग संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव हर्ष वी शृंगला ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में व्यापार संबंधों को और भी मजबूती देने पर खास जोर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘व्यापारिक दलों से एफटीए को इस साल की आखिरी तिमाही तक पूरा करने का जिम्मा दिया गया है।’