नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2020 को समाप्त तिमाही में ग्लोबल होम प्राइस इंडेक्स में भारत 13 स्थान खिसकर 56वें स्थान पर आ गया है। कुल मिलाकर भारत में मकानों की कीमत पिछले साल की तुलना में 3.6 प्रतिशत कम हुई है, जिसकी वजह से वैश्विक स्थिति में गिरावट आई है। 2019 की चौथी तिमाही में ग्लोबल होम प्राइस इंडेक्स में भारत 43वें स्थान पर था।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल करीब 89 प्रतिशत देशों में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। महामारी के कारण पैदा हुई स्थिति में भारत मेंं स्थिति कठिन हुई है। पिछले साल केंद्र व राज्य सरकारों ने बिक्री को गति देने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें आवास ऋण पर ब्याज कम करना, स्टांप शुल्क घटनाना व आवासीय खरीद पर अन्य शुल्क कम करना शामिल है। इन कदमों से 2020 के आखिर में मांग बढ़ी है, लेकिन कीमतें अभी कम बनी हुई हैं।
नाइट फ्रैंक इंडिया के प्रबंध निदेशक और चेयरमैन शिशिर बजाज ने कहा, ‘कम ब्याज दर और मांग बढ़ाने के लिए उठाए गए अन्य कदमों से रियल एस्टेट की मांग बढ़ी है। इसकी वजह से 2020 की चौथी तिमाही में नई पेशकश बढ़ी है।’