भारत और यूरोपीय देश नीदरलैंड ने वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल की हेग यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत से नीदरलैंड को होने वाला निर्यात मजबूत वृद्धि दर्ज कर रहा है।
वाणिज्य विभाग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल और राजदूत के. तुहिन ने हेग में विदेश आर्थिक संबंधों के महानिदेशक मिसिएल स्वीर्स से मुलाकात कर द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। बैठक में संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) के माध्यम से सहयोग बढ़ाने और रणनीतिक आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया।”
वित्त वर्ष 2024-25 में (अप्रैल-जनवरी), भारत का नीदरलैंड को निर्यात 1.75 प्रतिशत बढ़कर 22.76 अरब डॉलर हो गया, जो 2023-24 में 22.36 अरब डॉलर था। इस अवधि में आयात 5 अरब डॉलर से अधिक रहा।
यात्रा के दौरान, वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव साकेत कुमार ने भी हेग में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर स्टार्टअप और इनोवेशन इकोसिस्टम में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। विभाग ने बताया, “बैठक का फोकस उद्यमिता, तकनीकी आदान-प्रदान, अंतरिक्ष सहयोग और स्टार्टअप साझेदारी को बढ़ाने पर रहा।”
सुनील बार्थवाल ने क्रोएशिया की राजधानी ज़ाग्रेब का भी दौरा किया और वहां विदेश और यूरोपीय मामलों के मंत्रालय में विदेशी व्यापार और विकास राज्य सचिव ज़्डेनको लुचिच से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध मजबूत करने और निवेश के अवसर तलाशने पर चर्चा हुई। 2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में भारत से क्रोएशिया को निर्यात 270 मिलियन डॉलर और आयात 69.49 मिलियन डॉलर रहा।
नीदरलैंड, यूरोप में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार (2021-22) और भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक है। 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार 17 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा, जिसमें भारत से निर्यात 12 अरब डॉलर और आयात लगभग 5 अरब डॉलर का रहा। अप्रैल 2000 से जून 2022 के बीच नीदरलैंड से भारत में कुल एफडीआई निवेश 43 अरब डॉलर रहा।
भारत में 300 से अधिक डच कंपनियां सक्रिय हैं, जिनमें फिलिप्स, सिग्निफाई, अक्जो नोबेल, डीएसएम, हेनेकेन और केएलएम प्रमुख हैं। भारतीय कंपनियां भी नीदरलैंड में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। नीदरलैंड भारतीय कंपनियों के लिए चौथा सबसे बड़ा विदेशी निवेश गंतव्य बन गया है। टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, इंफोसिस, टेक महिंद्रा जैसे आईटी क्षेत्र के सभी प्रमुख खिलाड़ी और सन फार्मास्युटिकल्स, टाटा स्टील, सोलिस और एलटी फूड्स जैसी अन्य बड़ी कंपनियां नीदरलैंड में मौजूद हैं।
27 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में, भारत के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) और नीदरलैंड के दूतावास के बीच डच कंपनियों के भारत में निवेश को सुगम बनाने के लिए एक द्विपक्षीय ‘फास्ट-ट्रैक मैकेनिज्म’ (FTM) स्थापित करने हेतु एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए गए थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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