facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदी

सिंधु नदी पर भारत सरकार का एक्शन मोड, PM मोदी ने अफसरों को दिए तेजी लाने के आदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों पर परियोजनाओं को जल्द लागू करने और उनके काम में तेजी लाने का आदेश दिया है।

Last Updated- May 16, 2025 | 11:01 PM IST
Indus River
सिंधु नदी | फोटो क्रेडिट: Commons

पाकिस्तान के खेतों को तर करने वाली प्रमुख नदी सिंधु से भारत और अधिक पानी अपने इस्तेमाल के लिए निकालने की योजनाओं पर विचार कर रहा है। यह कदम पहलगाम हमले के बाद पड़ोसी देश के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का हिस्सा है। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। घटना में शामिल आतंकियों में दो की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के तौर पर हुई थी, इसलिए पहला कदम उठाते हुए भारत ने 1960 में अमल में आई सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम लागू होन के बावजूद इसे बहाल नहीं किया गया है।

मामले से वाकिफ छह लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों पर परियोजनाओं को जल्द लागू करने और उनके काम में तेजी लाने का आदेश दिया है। समझौतों के अनुसार इन नदियों का पानी खासतौर पर पाकिस्तान के उपयोग के लिए निर्धारित है। जिन योजनाओं को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई, उनमें से एक चिनाब पर रणबीर नहर की लंबाई को दोगुना बढ़ाकर 120 किलोमीटर करना शामिल है। चिनाब भारत से होते हुए पाकिस्तान के कृषि पावरहाउस कहे जाने वाले पंजाब तक जाती है। चिनाब से यह नहर निकालने का काम सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर होने से बहुत पहले शुरू हुआ था।

आधिकारिक बैठकों और संबंधित दस्तावेजों का हवाला देते हुए कम से कम चार लोगों ने बताया कि भारत को अभी चिनाब से सीमित मात्रा में पानी निकालने की अनुमति है, लेकिन यदि यह सहायक नहर बन जाती है तो वह प्रति सेकेंड 150 क्यूबिक मीटर पानी मोड़ने में सक्षम होगा। अभी यह क्षमता लगभग 40 क्यूबिक मीटर है। हालांकि इस नहर के निर्माण में कई वर्ष लग सकते हैं। पानी और विदेश मामलों के लिए जिम्मेदार मंत्रालयों तथा प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। सिंधु प्रणाली में कई परियोजनाओं का संचालन करने वाली एनएचपीसी ने भी टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस सप्ताह एक भाषण में कहा था कि ‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।’ हालांकि इस दौरान उन्होंने संधि का कोई उल्लेख नहीं किया था। जल मंत्री सी.आर. पाटिल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के कथन के अनुसार अपनी योजनाओं को लागू करेगा और सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि पानी की एक बूंद भी बाहर न जाए।’ पाकिस्तान के जल और विदेश जैसे मंत्रालयों ने भी सवालों का जवाब नहीं दिया। 

हालांकि इसी सप्ताह पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने अपने सांसदों को बताया था कि पाक सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर संधि को स्थगित करने के कदम को गैरकानूनी बताया और इसे मानने से इनकार कर दिया। इससे पहले पाकिस्तान ने सिंधु का पानी रोकने के किसी भी प्रयास को ‘युद्ध का कार्य’ करार दिया था। मालूम हो कि लगभग 80 प्रतिशत खेतों में सिंचाई के लिए पाकिस्तान सिंधु पर निर्भर हैं।

First Published - May 16, 2025 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट