चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय पर्वतारोहियों द्वारा एक चोटी का नाम रखने पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस चोटी का नाम “त्संग्यांग ग्यात्सो पीक” रखा गया है, जो छठे दलाई लामा त्संग्यांग ग्यात्सो के नाम पर रखा गया है, जिनका जन्म इसी क्षेत्र में हुआ था। यह चोटी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (NIMAS) की 15 सदस्यीय टीम द्वारा सफलतापूर्वक चढ़ी गई, जिसका नेतृत्व कर्नल रणवीर सिंह जामवाल ने किया। टीम ने 15 दिनों की कठिन यात्रा के बाद 20,942 फीट ऊंची इस चोटी पर चढ़ाई की।
गुरुवार शाम को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “झांगनान (दक्षिण तिब्बत) का इलाका चीन का हिस्सा है, और भारत द्वारा इस क्षेत्र में तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ का निर्माण अवैध है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है। चीन का हमेशा से यही रुख रहा है।”
अरुणाचल प्रदेश पर विवाद
अरुणाचल प्रदेश लंबे समय से भारत और चीन के बीच विवाद का विषय रहा है। चीन इसे “झांगनान” यानी दक्षिण तिब्बत के रूप में देखता है और अक्सर भारतीय नेताओं की इस क्षेत्र में यात्रा पर आपत्ति जताता है। वहीं, भारत ने चीन के इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और रहेगा।
इस साल की शुरुआत में, अमेरिका ने भी आधिकारिक रूप से अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा माना, जिससे चीन ने नाराजगी जताई। चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह अपने स्वार्थी भू-राजनीतिक हितों के लिए अन्य देशों के विवादों को भड़काने की कोशिश कर रहा है।
नामकरण के कानून
चोटियों या अन्य भौगोलिक स्थानों के नामकरण को लेकर कोई सख्त अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं है। संयुक्त राष्ट्र का एक विशेषज्ञ समूह (UNGEGN) इस प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देश देता है, लेकिन यह मुख्य रूप से देशों को अपने-अपने नामकरण प्राधिकरण बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
भारत में, इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी सर्वे ऑफ इंडिया की होती है, जो कि देश का मुख्य नक्शा और सर्वेक्षण से संबंधित संगठन है। नामकरण के प्रस्ताव स्थानीय सरकार, वैज्ञानिक अभियान या पर्वतारोहण क्लबों से आ सकते हैं। नामों को राज्य और केंद्रीय सरकार से मंजूरी मिलनी जरूरी होती है ताकि यह सांस्कृतिक या भौगोलिक महत्व को दर्शा सके।
वहीं चीन में, नामकरण Geographical Names Management Regulations के तहत होता है, और इस प्रक्रिया की देखरेख नागरिक मामलों का मंत्रालय करता है। Geographical Names Committee इस नामकरण प्रक्रिया और मानकीकरण की जिम्मेदारी संभालती है।