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भारत और यूरोपीय संघ में CBAM पर चर्चा, ओमान के साथ FTA पर बातचीत अंतिम चरण में

मुक्त व्यापार समझौते की आठवीं दौर की वार्ता से पहले सीबीएएम पर भारत की चिंताओं का समाधान; यूरोपीय संघ 2026 से लागू करेगा कार्बन सीमा समायोजन तंत्र।

Last Updated- June 14, 2024 | 11:34 PM IST
FTA
इलस्ट्रेशन- बिनय सिन्हा

मुक्त व्यापार समझौते की आठवें दौर की वार्ता से पहले भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) को लेकर भारत की चिंताओं पर चर्चा की । यूरोपीय संघ जनवरी, 2026 से सीबीएएम पर अमल करने की योजना बना रहा है। भारत व यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते के आठवें दौर की वार्ता ब्रसेल्स में 24 से 28 जून तक होनी है।

ईयू के मुताबिक, सीबीएएम यूरोपीय संघ में प्रवेश करने वाले कार्बन-गहन वस्तुओं के उत्पादन के दौरान होने वाले कार्बन उत्सर्जन पर उचित कर लगाने का एक तरीका है। इसके माध्यम से, यह गैर-ईयू देशों में स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहता है। सीबीएएम के संक्रमण चरण की शुरुआत 1 अक्टूबर से हो गई है।

अधिकारी ने शुक्रवार को बताया, ‘यूरोपीय संघ के साथ, हम विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा कर रहे हैं जहां हमें सीबीएएम के तहत तंत्र तैयार करने की आवश्यकता है। हमने एक कार्बन मंच भी स्थापित किया है। कार्बन सामग्री को शामिल करने के मामले में अन्य उपाय क्या हैं, ये एमएसएमई के लिए कैसे फायदेमंद हो, इस पर विचार किया जा रहा है।’

एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि ओमान के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत की फिर शुरुआत जल्द ही होगी, हालांकि बातचीत अंतिम चरण में है। अधिकारी ने कहा, ‘ओमान को कुछ दिक्कत है और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र को लेकर हमारी भी कुछ आपत्ति है। भारतीय कंपनियां इसमें क्षमता निर्माण कर रही हैं और हम इस पर चर्चा भी कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत को उम्मीद है कि नई सरकार के पहले 100 दिन पूरा होने के साथ ही इस संदर्भ में वार्ता पूरी हो जाएगी।

ओमान, पॉलीप्रोपाइलीन और पॉलीएथिलीन जैसे पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर शुल्क में रियायत की मांग कर रहा है जो मुख्य रूप से प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल किए जाते हैं। वर्तमान में इन उत्पादों पर सीमा शुल्क लगभग 7.5 फीसदी है।

First Published - June 14, 2024 | 11:02 PM IST

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