कोविड-19 की तीसरी वैश्विक लहर आ गई है और पिछले दो महीने के दौरान हर रोज आने वाले नोवल कोरोनावायरस के नए मामले 5,00,000 तक पहुंचने की वजह से यह दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ती जा रही है। विशेषज्ञ इस तेजी के लिए डेल्टा किस्म को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जिसे पहली बार भारत में खोजा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि यह उछाल भारत और शेष विश्व के लिए एक चेतावनी है।
प्रमुख यूरोपीय देश और अमेरिका इस तीसरी लहर का हिस्सा बन रहे हैं। प्रति 10 लाख 167 से अधिक मामलों के साथ रूस की स्थिति लगभग उतनी ही खराब है, जितनी सर्दियों में थी, जो फिलहाल दुनिया में दूसरे स्थान पर है। अमेरिका, ब्रिटेन और स्पेन में नए मामलों का तेज रफ्तार से बढऩा चिंताजनक है। टीकाकरण की अच्छी दर कम मृत्यु दर और संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
भारत और कुछ अन्य उभरते हुए साथी देश हर रोज मामलों में अच्छी-खासी संख्या में इजाफा कर रहे हैं, लेकिन उनमें गिरावट का रुख है। इनमें ब्राजील, कोलंबिया, अर्जेन्टीना और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। भारत समेत इनमें से प्रत्येक देश आने वाले महीनों में उछाल आने का अनुमान जता रहा है। भारत में विशेषज्ञों ने कहा है कि हालांकि अगस्त में कोई तीसरी लहर आ सकती है, लेकिन दूसरी लहर के मुकाबले इसके हल्की रहने की संभावना है।
एशिया में भी कई देश तीसरी लहर की चपेट में आ चुके हैं। इस गर्मी में ओलिंपिक की मेजबानी कर रहे जापान में भी तेजी दिख रही है। वियतनाम, जो अभी तक सफलता की एक गाथा रहा है, वहां भी लगातार असामान्य इजाफा दिख रहा है। पिछले साल गंभीर स्थिति के प्रत्यक्षदर्शी रहने वाले पहले देशों में शुमार ईरान में दोबारा तेजी आ रही है। बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और इंडोनेशिया में तेजी का रुख है। जैसा कि आंकड़े बता रहे हैं, यह वैश्विक महामारी साफ तौर पर खत्म नहीं हुई है और भारत सहित सभी देशों को सतर्क रहना होगा।