यूरोपीय संघ के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित अफ्रीकी संघ की जी20 सदस्यता को यूरोपीय यूनियन का समर्थन है। यह अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत है कि जी20 शिखर सम्मेलन अब औपचारिक रूप से अफ्रीकी संघ को सदस्य मान सकता है। मिशेल ने भारत के इस प्रस्ताव का स्वागत किया।
मिशेल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का हम स्वागत करेंगे।’ उन्होंने जोर दिया कि जी20 के प्रारूप का उपयोग बहुपक्षीय जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए किया जाना चाहिए। जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस मुद्दे पर जी20 नेताओं को चिट्ठी लिखी थी। प्रस्ताव को औपचारिक रूप से जुलाई में हम्पी में तीसरी जी20 शेरपा बैठक के दौरान शिखर सम्मेलन के लिए साझा मसौदा में शामिल किया गया था।
मिशेल ने कहा कि सभी देश अभी भी एक साझा बयान बनाने पर काम कर रहे हैं जो सभी देशों को स्वीकार्य हो। उन्होंने यूक्रेन पर एकतरफा युद्ध के लिए रूस की काफी आलोचना की।
हरियाणा के नूंह में हाल ही में संपन्न हुई जी20 की चौथी शेरपा बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि जी20 नेताओं के साझा बयान का अंतिम मसौदा तैयार करने की दिशा में युद्ध सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है।
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत के नेतृत्व में अधिकारी इसे पूरा करने के लिए दिन-रात जुटे हैं। इसे रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य जी20 देशों के नेताओं द्वारा अपनाया जाएगा।
ऊर्जा परिवर्तन, व्यापार एवं स्वास्थ्य सेवा से लेकर कई मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए जद्दोजहद किया गया है। जी20 के तमाम कार्य समूहों की लगभग सभी मंत्रिस्तरीय बैठकें बिना किसी साझा बयान के संपन्न हो गईं। यूक्रेन मसले पर मतभेद बने रहने के कारण देश बंटे हुए हैं और साझा बयान की जगह स्पष्टीकरण के साथ अध्यक्षीय सारांश और परिणाम दस्तावेज जारी किए गए।