गाजा पट्टी में संघर्ष-विराम समझौते के तहत चरमपंथी समूह हमास ने गुरुवार को इजरायल के आठ और बंधकों को छोड़ दिया। हालांकि, बंधकों के बदले 110 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने की इजरायल की योजना को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। दरअसल, इजरायली बंधकों को रेड क्रॉस के हवाले किए जाने के दौरान दिखे अराजक दृश्यों को लेकर तेल अवीव ने कड़ा विरोध जताया और 110 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई पर रोक लगाने की घोषणा की।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि हमास जब तक बंधकों की ‘सुरक्षित रिहाई’ का आश्वासन नहीं देता, तब तक फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद नहीं किया जाएगा। बाद में नेतन्याहू ने कहा कि मध्यस्थों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि गाजा पट्टी से बंधकों की ‘सुरक्षित निकासी’ सुनिश्चित की जाएगी। हालांकि, उन्होंने फिलिस्तीनी कैदियों की संभावित रिहाई के बारे में कुछ नहीं कहा।
इस बीच, इजरायली मीडिया ने खबर दी कि फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। हमास ने गुरुवार सुबह इजरायल की महिला सैनिक अगम बर्जर (20) को उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर में भीड़ के सामने परेड कराने के बाद रेड क्रॉस को सौंप दिया। इजरायल सरकार ने बाद में पुष्टि की कि बर्जर उसके बलों के पास पहुंच गई हैं। बर्जर इजरायल की उन पांच महिला सैनिकों में शामिल थीं, जिन्हें हमास ने इजरायल में 7 अक्टूबर, 2023 को किए गए भीषण हमले के दौरान अगवा कर लिया था। चरमपंथी समूह ने चार अन्य महिला सैनिकों को शनिवार को रिहा कर दिया था। बर्जर के बाद हमास ने गुरुवार दोपहर सात अन्य बंधकों को रेड क्रॉस के हवाले कर दिया, जिनमें दो इजरायली और पांच थाई नागरिक शामिल थे।