संसद की एक समिति ने सरकार से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य सभी देशों में रेजिडेंट मिशन स्थापित करने के लिये एक रूपरेखा तैयार करने और इनकी स्थापना के लिये ईमानदारी से कार्य करने को कहा है। विदेश मंत्रालय ने समिति को बताया कि विदेशों में भारत की राजनयिक उपस्थिति को अधिकाधिक बढ़ाने के संबंध में भारत सरकार के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मार्च 2018 में 2018-2021 की अवधि में चरणबद्ध तरीके से अफ्रीका में 18 नए भारतीय मिशन खोलने की स्वीकृति दी गई।
उसने कहा कि भारत ने कोनाक्री (गिनी), जिबूती, औगाडौगा (बुर्किना फासो), ब्रेजाविले (कांगो गणराज्य), मालाबो (इक्वेटोरियल गिनी), किगाली (रवांडा), याउन्डे (कैमरून), अस्मारा (इरिट्रिया), मबाबेन (एस्वातिनी), फ्रीटाउन (सिएला लियोन), साओ टोम (साओ टोम एवं प्रिंसिपे), लोमे (टोगो), मोनरोविया (लाइबेरिया) और नौआकोट (मॉरिटानिया) में स्थित 14 मिशनों में चरणबद्ध रूप से अपनी उपस्थिति स्थापित की है।
मंत्रालय ने बताया कि चाड में कर्मियों को तैनात किया गया है और वे पदभार ग्रहण करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सोमालिया, गिनी बिसाऊ और केप वर्डे स्थित मिशनों को कर्यशील बनाने के लिये सभी प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, एस्टोनिया, पराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में स्थित 3 नये मिशन जनवरी-फरवरी 2022 में आरंभ कर दिये गए हैं जिन्हें दिसंबर 2020 में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदन मिला था ।
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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 22 दिसंबर को पेश ‘वर्ष 2022-23 के लिये विदेश मंत्रालय की अनुदान की मांग’ विषय संबंधी समिति के 12वें प्रतिवेदन की सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई रिपोर्ट में यह बात कही गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मई 2021 में एड्डू, मालदीव में नए वाणिज्य दूतावास और अप्रैल 2022 में लिथुआनिया में एक नया मिशन खोलने को स्वीकृति दी है। उसने कहा कि रेजिडेंट इंडियन मिशन या पोस्ट खोलना एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और इसके विभिन्न पहलुओं पर आंतरिक योजना एवं अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
इन देशों में द्विपक्षीय संबंधों के दायरे की समीक्षा के बाद जरूरत के अनुसार मिशन खोले जाते हैं। संसदीय समिति ने कहा कि वह इस बात से सहमत है कि रेजिडेंट मिशन/पोस्ट खोलने में समय लगता है। समिति ने कहा कि इसके साथ ही यह दोहराती है कि संयुक्त राष्ट्र के शेष देशों में रेजिडेंट मिशन खोलने को लेकर मंत्रालय एक रूपरेखा तैयार करे और इनकी स्थापना के लिये ईमानदारी से कार्य करे।
समिति ने पूर्व में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 48 देशों में भारत के रेजिडेंट मिशन नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारत की आकांक्षा को बल देने में भारतीय मिशनों की भूमिका को स्वीकार करते हुए समिति ने सिफारिश की थी कि मंत्रालय शेष 48 देशों में भारतीय मिशन/पोस्ट की स्थापना के लिये रूपरेखा तैयार करे।