facebookmetapixel
Year Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरूVodafone Idea को कैबिनेट से मिली बड़ी राहत: ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर लगी रोकYear Ender: SIP और खुदरा निवेशकों की ताकत से MF इंडस्ट्री ने 2025 में जोड़े रिकॉर्ड ₹14 लाख करोड़मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्जसर्वे का खुलासा: डर के कारण अमेरिका में 27% प्रवासी, ग्रीन कार्ड धारक भी यात्रा से दूरBank Holiday: 31 दिसंबर और 1 जनवरी को जानें कहां-कहां बंद रहेंगे बैंक; चेक करें हॉलिडे लिस्टStock Market Holiday New Year 2026: निवेशकों के लिए जरूरी खबर, क्या 1 जनवरी को NSE और BSE बंद रहेंगे? जानें

गूगल कर से भरी तिजोरी, 64 फीसदी बढ़ा संग्रह

Last Updated- December 10, 2022 | 2:14 AM IST

अमेरिका ने भारत में डिजिटल सेवा कर लगाने के खिलाफ प्रतिरोधी कर लगाने की चेतावनी दी है, वहीं इक्वलाइजेशन शुल्क की तीसरी किस्त जमा कराने के बाद इस शुल्क के संग्रह में 64 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे सरकार को प्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार लाने में थोड़ी मदद मिल सकती है। प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले महीने तक दो अंक में घटा था जो 7 जनवरी को 9.6 फीसदी कम रह गया।
डिजिटल शुल्क का मकसद गैर-भारतीय ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर कर लगाना है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के बाद इस मद में 1,436 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ जबकि पिछले साल इसी मद में 877 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला था।
पिछले साल तक यह कर केवल डिजिटल विज्ञापन सेवाओं पर ही 6 फीसदी की दर से लगाया जाता था लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसका दायरा बढ़ाकर 1 अप्रैल, 2020 से 2 करोड़ रुपये सालाना कारोबार वाली गैर-भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों पर 2 फीसदी कर लगाया गया है। इसके कर के दायरे में एडोबी, उबर, जूम, एक्सपीडिया, अलीबाबा, आइकिया, लिंक्डइन, स्पोटीफाई और ईबे जैसी कंपनियां शामिल हैं।
रिफंड के बाद शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह 8 जनवरी तक 6.32 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल समान अवधि में 6.99 लाख करोड़ रुपये था। 16 दिसंबर को इसमें पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी की कमी थी जो अब घटकर 9.6 फीसदी रह गई है।
सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ कर संग्र्रह में भी तेजी आ रही है। हमें उम्मीद है कि इस साल भी प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल के बराबर करीब 10.53 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। हालांकि विवाद से विश्वास तक समाधान योजना से प्रत्यक्ष कर संग्रह थोड़ा बढ़ भी सकता है।’
डिजिटल कर संग्रह में बेंगलूरु का करीब आधे का योगदान रहा। वहां की कंपनियों से सरकार को इस मद में कुल 723 करोड़ रुपये का कर मिला है। हैदराबाद में 422 करोड़ रुपये कर संग्रह हुआ था जबकि पिछले साल वहां से 269 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला था। दिल्ली में डिजिटल कर संग्रह में 376 फीसदी का इजाफा हुआ और इस मद में कुल 181 करोड़ रुपये का कर मिला, जबकि पिछले साल 38 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला था। मुंबई मेें पिछल साल की तुलना में दोगुना 82 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला।
अमेरिकी व्यापार प्रतितिनिध के कार्यालय (यूएसटीआर) ने अपनी रिपोर्ट में धारा 301 में कहा है कि भारत में तकनीकी दिग्गजों पर 2 फीसदी का अतिरिक्त कर लगाना अनुचित और एमेजॉन, गगूल तथा फेसबुक जैसी अमेरिकी कंपनियों के साथ खिलाफ भेदभावपूर्ण करने जैसा है। यह अंतरराष्ट्रीय कर सिद्घांत के भी अनुरूप नहींं है।
व्यापार कानून की धारा 301 के तहत इस तरह के कर को कार्रवाई योग्य बताया है, जिसका मतलब है कि भारतीय उत्पादों पर भी प्रतिरोधी शुल्क लगाए जा सकते हैं। गुरुवार रात भारत सरकार ने बयान में कहा था कि वह अमेरिका के निर्णय का मूल्यांकन करेगी और राष्ट्र के हित को ध्यान में रखते हुए समुचित कदम उठाएगी।
प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 13.19 लाख करोड़ रुपये रखा गया है जिसे हासिल करना कठिन लग रहा है लेकिन विभाग को उम्मीद है कि हम पिछले साल के बराबर करीब 10.53 लाख करोड़ रुपये कर जुटा लेंगे। तीसरी तिमाही में कुल अग्रिम कर संग्रह 33 फीसदी बढ़कर 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा। अप्रैल से दिसंबर के दौरान अग्रिम कर संग्रह 2.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 6 फीसदी कम है।

First Published - January 8, 2021 | 11:06 PM IST

संबंधित पोस्ट