facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

बीटीए से पहले वाणिज्य विभाग करेगा अन्य मंत्रालयों से बात

‘अब संबंधित मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श शुरू होगा और बड़ी चुनौती शुल्क में कटौती और बाजार तक पहुंच की होगी, जिसकी पेशकश के लिए भारत तैयार है।'

Last Updated- March 30, 2025 | 10:15 PM IST
India US Trade

भारत और अमेरिका प्रस्तावित व्यापार समझौते की रूपरेखा पर मोटे तौर पर सहमत हो रहे हैं, वहीं अमेरिका से आयात बढ़ाने के दबाव के बीच वाणिज्य विभाग जल्द ही भारी उद्योग और पेट्रोलियम मंत्रालयों के साथ बातचीत शुरू करने वाला है। द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए बातचीत शुरू होने के पहले ये अंतरमंत्रालयी बैठकें महत्त्वपूर्ण हैं। वाणिज्य विभाग ने शनिवार को कहा कि बीटीए के तहत आने वाले सप्ताहों में सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञ स्तर की बातचीत वर्चुअल रूप से शुरू होगी, जिससे व्यक्तिगत रूप से बातचीत के शुरुआती दौर का रास्ता साफ होगा। दोनों देश उम्मीद कर रहे हैं कि अगस्त-सितंबर तक बातचीत का पहला चरण पूरा हो जाएगा।

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) की टीम और वाणिज्य विभाग के बीच पिछले कुछ दिनों में हुई बातचीत में व्यापक तौर पर उन सेक्टर को लेकर सहमति बन गई है, जिन्हें समझौते में शामिल (शुल्क में बदलाव और बाजार तक व्यापक पहुंच के लिए) किया जा सकता है। उन सेक्टरों पर भी बातचीत हुई थी, जिन्हें समझौते से बाहर रखने की जरूरत है, क्योंकि इनसे राजनीतिक नुकसान (भारत में) हो सकता है।’

दोनों पक्षों ने प्रगति की है, लेकिन बीटीए के प्रारूप को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका, क्योंकि दोनों पक्षों की संवेदनशीलता भी थी और 4 दिन का वक्त भी बहुत कम था। इसके साथ ही समझौते के व्यापक प्रारूप के लिए दोनों पक्षों के राजनीतिक मंजूरी लेने की भी जरूरत हो
सकती है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक यूएसटीआर ब्रेंडन लिंच के साथ अमेरिकी सरकारी अधिकारियों के एक दल ने 25 से 29 मार्च के दौरान भारत भारत का दौरा किया, उसके बाद यह प्रगति हुई है। द्विपक्षीय व्यापार पर चल रही चर्चा के तहत उन्होंने भारतीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। लिंच बीटीए के लिए मुख्य वार्ताकार हैं।

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘अब संबंधित मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श शुरू होगा और बड़ी चुनौती शुल्क में कटौती और बाजार तक पहुंच की होगी, जिसकी पेशकश के लिए भारत तैयार है। इसका सीधा असर इस बात पर पड़ेगा कि अमेरिका शुल्क रियायतों के लिए किस हद तक तैयार होता है।’ जहां तक वस्तु का सवाल है, अमेरिका की कुछ क्षेत्रों में प्रमुख मांग है, जिसमें कच्चे तेल डेरिवेटिव्स, प्लास्टिक, पॉलिमर, इलेक्ट्रिक वाहनों और डेरी सहित कृषि उत्पाद पर शुल्क कम किया जाना शामिल है। इस मसले पर भारत को संबंधित मंत्रालयों से चर्चा करनी है। उस व्यक्ति ने कहा, ‘संभवतः बड़ी चुनौती (भारत के लिए) इलेक्ट्रिक वाहनों, कृषि उत्पादों जैसे सेब, फलों के जूस, सोयाबीन और बादाम पर आयात कर घटाने को लेकर होगी। इसके अलावा डेरी हमेशा से संवेदनशील रहा है। इसकी वजह से भारत को उद्योग संगठनों के साथ ज्यादा चर्चा करने की जरूरत है।’समझौते के पहले चरण में व्यापक तौर पर वस्तुओं और डिजिटल सेवाओं के कारोबार को उदार बनाने पर मुख्य ध्यान है। हालांकि 4 दिन की बैठक के दौरान भारत और अमेरिका के बीच सभी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा हुई है। अगले कुछ सप्ताह में इन मामलों में ज्यादा स्पष्टता आएगी।

वाणिज्य विभाग द्वारा शनिवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर विचार साझा किए, जिसमें बाजार पहुंच बढ़ाना, शुल्क और गैर-शुल्क वाली बाधाओं को कम करना और आपूर्ति श्रृंखला को और बेहतर बनाना शामिल है।’विभाग ने यह भी कहा है कि बातचीत का सफल समापन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों का विस्तार करने की दिशा में प्रयास की प्रगति को दर्शाता है।

First Published - March 30, 2025 | 10:15 PM IST

संबंधित पोस्ट