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सिटी ग्रुप को बेचनी पड़ सकती हैं संपत्तियां

Last Updated- December 05, 2022 | 10:41 PM IST

सिटी गु्रुप इंक को पहली तिमाही में उम्मीद से कम नुकसान होने पर उसके शेयरधारक अभी राहत की सांस भी न ले पाए थे कि अब खबर आ रही है कि कंपनी को अपनी परिसंपत्तियां बेचनी पड़ सकती हैं।


इसके साथ ही बैंक  शेयरधारकों को मिलने वाले लाभांश में कटौती और पूंजी आधार को मजबूती देने के लिए बाहरी निवेशकों को आकर्षित करेगा। न्यूयॉर्क के इस बैंक ने एक बयान में कहा है कि उसका टीयर 1 पूंजी अनुपात जो ऋण घाटा सहने की बैंक की क्षमता दिखाता है, वह मार्च में गिरकर 7.7 फीसदी पर आ गया। सिटीग्रुप का कहना है कि सुरक्षा मार्जिन देने और क्रेडिट रेटिंग बनाए रखने के लिए उसका यह अनुपात 7.5 फीसदी होना चाहिए।


अमेरिकी अर्थव्यवस्था मे आई नरमी के चलते बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम पंडित और मुख्य वित्त अधिकारी गैरी क्रिटेंडेन को अपने उस आश्वासन से पीछे हटना पड़ा था जिसमें उन्होने कहा था कि बैंक को और पूंजी की जरूरत नहीं है। मंदी की मार पड़ते ही सिटीग्रुप को अपनी सोच बदलनी पड़ी। यह पूछे जाने पर कि क्या अब बैंक और पूंजी जुटाने की  कोशिशें करेगा?


क्रिटेंडेन ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। व्यवसाय की नजर से माहौल काफी मुश्किलों भरा है और इसका कोई आसान सा हल भी नहीं है। गौरतलब है कि सिटीग्रुप ने पूंजी जुटाने के लिए दिसंबर, जनवरी में विदेशी सरकारों के नियंत्रण वाले निवेश फंडों को हिस्सेदारी बेची थी। इनमें अबू धाबी, कोरिया और कुवैत शामिल हैं।


सिटीग्रुप का टीयर 1 अनुपात जनवरी में 8.8 फीसदी तक पहुंच गया था। हालांकि बैंक को पहली तिमाही में हुआ नुकसान 196 साल के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा नुकसान था। कंपनी ने जनवरी में शेयरधारकों को मिलने वाला लाभांश 41 फीसदी घटा दिया था। 1990 के बाद यह पहला मौका था जब लाभांश में कमी की गई।


उधर स्टैंडर्ड ऐंड पुअर ने कहा है कि वह बैंक को होने वाले घाटे की संभावनाओं को भांपते हुए उसकी रेटिंग के बारे में दोबारा सोच रही है। फिच रेटिंग्ज ने भी कंपनी की रेटिंग एए से एक स्तर कम कर एए माइनस कर दी है। फिच ने इस कमी के लिए उपभोक्ता व्यवसाय और निवेश बैंक के घाटे को आधार बनाया है।

First Published - April 20, 2008 | 10:35 PM IST

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