facebookmetapixel
अक्टूबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश 19% घटकर ₹24,690 करोड़, SIP ऑलटाइम हाई परDelhi Pollution: AQI 425 के पार, बढ़ते प्रदूषण के बीच 5वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड मेंअमेरिका-चीन की रफ्तार हुई धीमी, भारत ने पकड़ी सबसे तेज ग्रोथ की लाइन: UBS रिपोर्टगिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तारवर्क प्लेस को नया आकार दे रहे हैं कॉरपोरेट, एआई का भी खूब कर रहे हैं उपयोगEmami Stock: 76% तक गिर गई टैल्क सेल्स… फिर भी ‘BUY’ कह रहे हैं एक्सपर्ट्स! जानें क्योंDelhi Red Fort Blast: साजिश की पूरी पोल खोली जाएगी, दिल्ली धमाके पर PM Modi का बयान26% तक रिटर्न का मौका! भारत-अमेरिका डील पक्की हुई तो इन 5 शेयरों में होगी जबरदस्त कमाई!Delhi AQI Today: दिल्ली में हवा हुई जहरीली! GRAP स्टेज III लागू, जानिए क्या-क्या हुआ बैनDelhi Red Fort Blast: लाल किले के पास विस्फोट में अब तक 12 की मौत, Amit Shah ने बुलाई हाई-लेवल मीटिंग

चीन का दावा दोनों के सैनिक हट रहे

Last Updated- December 12, 2022 | 8:31 AM IST

चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से हटना शुरू कर दिया। भारतीय पक्ष की ओर से इस बारे में  कोई टिप्पणी नहीं आई है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से हटना शुरू कर दिया। उनके इस बयान से संबंधित खबर चीन के आधिकारिक मीडिया ने साझा की है। कियान ने एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने आज 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से सैन्य गतिरोध चला आ रहा है। दोनों देश मुद्दे के समाधान के लिए कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता कर चुके हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत 24 जनवरी को मोल्डो-चुशूल सीमा स्थल पर चीन की तरफ कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता हुई थी।
अमेरिका की नजर
भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है और उसने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैये पर चिंंता जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं। हम भारत एवं चीन की सरकारों के बीच जारी वार्ता से अवगत हैं और सीधी वार्ता और उन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन कर रहे हैं।’    

भारत अमेरिका का महत्त्वपूर्ण सहयोगी
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अपना सबसे महत्त्वपूर्ण सहयोगी बताया और कहा कि वह भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘भारत, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का एक अहम साझेदार है। हम भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करते हैं।’
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मंगलवार को बातचीत की थी और दोनों नेताओं ने म्यांमार के हालात पर तथा साझा चिंताओं वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की। ब्लिंकन ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताई और कानून के शासन तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका के सहयोग के महत्व सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया।
प्राइस ने कहा, ‘दोनों पक्षों ने ‘क्वाड’ के जरिये क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने तथा कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने की उम्मीद जताई।’ प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका और भारत की ‘समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ व्यापक होने के साथ-साथ बहुआयामी भी है।    

First Published - February 10, 2021 | 11:33 PM IST

संबंधित पोस्ट