वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में बने भीम-यूपीआई प्लेटफॉर्म की भूटान में शुरुआत के मौके पर कहा कि यह प्लेटफॉर्म लॉकडाउन के दौरान भुगतान का प्रभावी साधन रहा है, जिस पर 2020-21 में 22 अरब लेनदेन हुए हैं। सीतारमण ने कहा कि भीम-यूपीआई पर वित्त वर्ष 2021 में कुल 41 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए और इस प्लेटफॉर्म ने भारतीयों को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान आसानी से लेनदेन करने में मदद दी।
उन्होंने कहा, ‘भीम-यूपीआई के लिए विशेष रूप से महामारी का वर्ष मजबूत बिंदु रहा है।’ सीतारमण ने कहा कि भारत में इसकी शुरुआत से पांच साल के भीतर 10 करोड़ से अधिक क्यूआर कोड इस्तेमाल किए गए हैं। यूपीआई आधारित लेनदेन जून में 2.81 अरब लेनदेन के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गए, जिनमें 5.47 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। ये मई 2021 की तुलना में 11 फीसदी अधिक और जून 2020 की तुलना में 88 फीसदी अधिक थे।
आज दिन में पहले भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने घोषणा की कि उसकी अंतरराष्ट्रीय इकाई एनपीसीआई इंटरनैशनल पेमेंट्स लिमिटेड ने भूटान में भीम यूपीआई क्यूआर आधारित भुगतान शुरू करने के लिए वहां की रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी (आरएमए) के साथ साझेदारी की है। सीतारमण ने कहा, ‘यह भारत का गर्व है, जिसे हम भूटान के साथ साझा कर रहे हैं। इससे हमें खुशी होगी कि यह पर्यटकों और अन्य के काम आएगा।’
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा कि पड़ोसी देश का केंद्रीय बैंक रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ भूटान (आरएमए) यह सुनिश्चित करेगा कि यूपीआई क्यूआर लेनदेन के जरिये भागीदार एनपीसीआई मोबाइल एप्लीकेशन देश में सभी आरएमए अधिग्रहीत कारोबारियों के स्तर पर स्वीकार की जाएंगी। भूटान एकमात्र ऐसा देश बन जाएगा, जो रुपे कार्ड जारी और स्वीकार करेगा।
