बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 440 हो गई। स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से सोमवार को इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं में 100 से ज्यादा की मौत हुई है। हिंसा प्रभावित देश में सेना स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हुई है। ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ समाचार पोर्टल ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने के बावजूद मंगलवार को स्थिति सामान्य होने के संकेत मिले तथा पुलिस और सेना सड़कों पर गश्त कर रही है।
पोर्टल ने कहा कि सोमवार को अशांति और रातभर के तनावपूर्ण हालात के बाद ढाका में मंगलवार सुबह स्थिति मुख्य रूप से शांत रही। रिपोर्ट के अनुसार, बस और अन्य सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर आए और स्थानीय दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खोलीं।
समाचार पोर्टल ने बताया कि सरकारी वाहन कार्यालयों की ओर जाते दिखाई दिए और बैटरी चालित कई रिक्शा भी सड़कों पर नजर आए। बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अराजकता फैल गई, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया और सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं।
हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में स्थित हसीना के आवास ‘सुधा सदन’ और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर तोड़फोड़ और आगजनी की। हसीना की अवामी लीग सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों और नेताओं के ढाका और ढाका के बाहर स्थित आवासों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया।
बांग्ला भाषा के दैनिक समाचार पत्र ‘प्रथम आलो’ ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों में कम से कम 109 लोग मारे गए। इससे पहले, समाचार पत्र ने रविवार दोपहर 12 बजे तक 98 लोगों की मौत होने की सूचना दी थी और रविवार आधी रात को 16 और लोगों की जान जाने की सूचना मिली। उसने बताया कि रविवार को कुल 114 लोगों की मौत हुई।
समाचार पत्र ने कहा, ‘‘इसके साथ ही 16 जुलाई से कल तक 21 दिन में हिंसा में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 440 हो गई है।’’ उसने कहा कि सोमवार को सुबह 11 बजे से रात आठ बजे के बीच 37 शव ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए गए। समाचार पत्र ने अस्पताल सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि 500 घायलों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से कई को गोलियां लगी थीं।
‘ढाका ट्रिब्यून’ समाचार पत्र ने कहा कि सोमवार को पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प के बाद राजधानी के बाहरी इलाके धामराई और सावर में कम से कम 18 लोग मारे गए। उसने बताया कि सोमवार को राजधानी के उत्तरा में सादे कपड़ों में आए कुछ लोगों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर पर गोलीबारी किए जाने से 10 लोगों की मौत हो गई।
समाचार पत्र के अनुसार, हबीगंज में छह, जेस्सोर में आठ, खुलना में तीन, बारीसल में तीन, लक्ष्मीपुर में 11, कुश्तिया में छह, सतखीरा में तीन और गाजीपुर के श्रीपुर में छह लोगों की मौत हो गई। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पश्चिमी जोशोर जिले में अवामी लीग के एक नेता के स्वामित्व वाले होटल में कल रात कम से कम 24 लोग जिंदा जला दिए गए।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार देर रात सभी राजनीतिक दलों से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य करने में मदद करने का आग्रह किया और सशस्त्र बलों को लोगों के जान-माल एवं सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया।
‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र आंदोलन के कारण हुई हिंसा की वजह से लंबे समय से बंद शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को फिर से खुले, लेकिन ढाका के संस्थानों में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही।
हसीना ने अपनी सरकार की विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के विरुद्ध जनता में भारी आक्रोश के बीच सोमवार को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और वह देश छोड़कर चली गईं। इस प्रणाली के तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित की गई थीं।