ऑस्ट्रेलिया के पुन: निर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़
ऑस्ट्रेलिया के फिर से निर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने कहा कि मतदाताओं ने “विभाजन के बजाय एकता” को चुना है। यह बयान तब आया जब उनकी मध्य-वामपंथी लेबर पार्टी ने दुर्लभ दूसरी बार सत्ता में वापसी की और ऐतिहासिक रूप से अतिरिक्त सीटें भी हासिल कीं – जो ऑस्ट्रेलियाई राजनीति में दशकों में नहीं देखा गया।
लेबर पार्टी प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) की 150 में से कम से कम 85 सीटें जीतने की राह पर है, जो पूर्ण बहुमत (76 सीटें) से काफी अधिक है। पिछली संसद में पार्टी के पास 78 सीटें थीं। दूसरे कार्यकाल में सीटें बढ़ाना ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक रूप से असामान्य है।
एंथनी अल्बनीज़ ने अपनी मंगेतर जोडी हेडन के साथ लीकार्ड (Leichhardt) के एक कैफे में समर्थकों और मीडिया को संबोधित करते हुए कहा:
“ऑस्ट्रेलियाई जनता ने विभाजन के बजाय एकता को चुना… हम अपने दूसरे कार्यकाल में भी उतनी ही अनुशासित और संगठित सरकार होंगे, जितनी पहले कार्यकाल में थे।”
कोषाध्यक्ष जिम चाल्मर्स ने इस जीत का श्रेय मतदाताओं की स्थिरता की चाह को दिया, खासकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों के प्रभाव के बीच। चाल्मर्स ने कहा, “यह हमारी सबसे आशावादी अपेक्षाओं से भी परे था”।
उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन तनाव जैसे वैश्विक जोखिमों के बीच ऑस्ट्रेलियाई जनता ने निरंतरता को चुना।
विपक्षी नेता पीटर डटन अपनी सीट हार गए और उनकी कंजरवेटिव गठबंधन महज 37 सीटों पर सिमट गया। यह हाल ही में कनाडा में हुई राजनीतिक गिरावट जैसा है, जहां कंजरवेटिव नेता पियरे पोएलिएवर भी अमेरिकी व्यापार अव्यवस्थाओं के बाद सीट हार गए।
लेबर पार्टी ने डटन के गठबंधन को अमेरिकी राजनीति से जोड़ते हुए आलोचना की, खासकर ट्रंप प्रशासन और एलन मस्क के नेतृत्व वाले विवादास्पद “Department of Government Efficiency (DOGE)” से कथित संबंधों को लेकर।
लेबर पार्टी ने डटन को “DOGE-y Dutton” करार देते हुए उनके परमाणु ऊर्जा प्रस्तावों की आलोचना की। विपक्ष ने सात परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का वादा किया था, लेकिन किसी भी प्रस्तावित स्थान पर प्रचार नहीं किया। फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में कोई परमाणु ऊर्जा संयंत्र नहीं है।
लेबर ने डटन पर सांस्कृतिक संघर्ष भड़काने का भी आरोप लगाया, जब उन्होंने केवल राष्ट्रीय ध्वज के सामने खड़े होने की कसम खाई – जिसे स्वदेशी ऑस्ट्रेलियनों को अलग-थलग करने वाला कदम माना गया। इसके विपरीत, अल्बनीज़ हमेशा राष्ट्रीय और स्वदेशी दोनों झंडों के साथ नजर आते हैं।
अल्बनीज़ ने बताया कि पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने सबसे पहले उन्हें बधाई दी। इसके बाद उन्हें यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के संदेश प्राप्त हुए।
उन्होंने यह भी कहा कि वह इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भी बातचीत करेंगे।
अल्बनीज़ 2004 में जॉन हॉवर्ड के बाद लगातार दो चुनाव जीतने वाले पहले प्रधानमंत्री बने हैं। हॉवर्ड ने 11 वर्षों तक नेतृत्व किया था लेकिन 2007 में अपनी सीट और सत्ता दोनों गंवा दी थीं – जो अब डटन के साथ भी हुआ है।
हॉवर्ड के बाद ऑस्ट्रेलिया ने छह प्रधानमंत्री देखे हैं, जिनमें से एक ने दो बार कार्यकाल संभाला। अल्बनीज़ की पुनः चुनावी जीत देश में संभावित राजनीतिक स्थिरता की ओर संकेत करती है।
ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ का राजनीतिक और व्यक्तिगत सफर एक प्रेरणादायक कहानी है – एक ऐसा नेता जो सार्वजनिक आवास में पला-बढ़ा, और आज देश की बागडोर संभाल रहा है।
23 मई 2022 को अल्बनीज़ ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पहले उन्होंने उप प्रधानमंत्री, प्रतिनिधि सभा के नेता, बुनियादी ढांचा मंत्री और संचार मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को जोड़ने वाले हज़ारों किलोमीटर की सड़कें और रेल परियोजनाएं शुरू कीं, और हाई-स्पीड नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क की शुरुआत की।
उनकी नेतृत्व क्षमता, जो विभिन्न हितधारकों, व्यवसायों और समुदायों को साथ लाने में दिखी, ने उन्हें देश के आर्थिक और सामाजिक विकास का प्रतीक बना दिया। 1996 में एंथनी ने सिडनी के ग्रेन्डलर क्षेत्र से संसद में प्रवेश किया और 2019 में उन्हें सर्वसम्मति से ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी का नेता चुना गया।
एंथनी की परवरिश सिडनी के एक काउंसिल हाउसिंग में हुई, जहां उनकी मां मैरीऐन ने उन्हें एकल माता-पिता के रूप में पाला। वह विकलांगता पेंशन पर जीवनयापन करती थीं, और यही संघर्ष अल्बनीज़ के भीतर सेवा और बदलाव की भावना का स्रोत बना।
“मेरी मां ने मुझे अकेले पाला। 1963 में यह एक साहसिक फैसला था। उनका सपना था कि मेरी जिंदगी उनकी जिंदगी से बेहतर हो, और आज अगर मैं प्रधानमंत्री बना हूं, तो उसका पूरा श्रेय उन्हें जाता है।”
अल्बनीज़ मानते हैं कि सरकार को लोगों की ज़िंदगियों में बदलाव लाने की शक्ति है – एक ऐसी सीख जो उन्होंने अपने बचपन से पाई, और जो आज भी उन्हें प्रेरित करती है – प्रधानमंत्री के रूप में और एक पिता के रूप में भी।
अल्बनीज़ का सपना है ऐसा ऑस्ट्रेलिया, जहां हर व्यक्ति को काम करने का अवसर मिले – और वो भी सिर्फ कोई काम नहीं, बल्कि अच्छा, सुरक्षित और सम्मानजनक वेतन वाला काम।
“मेरे बेटे नाथन के लिए मैं एक ऐसा देश बनाना चाहता हूं, जहां हर परिवार को आगे बढ़ने का मौका मिले। यही सपना मेरी मां ने मेरे लिए देखा था – और आज मैं उस सपने को सबके लिए साकार करना चाहता हूं।”
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