facebookmetapixel
Bomb Blast in Delhi: लाल किले के पास खड़ी कार में धमाका, 8 लोगों की मौत; पुलिस हाई अलर्ट परVodafone Idea Q2 results: घाटा कम होकर ₹5,524 करोड़ पर आया, रेवेन्यू 2.4% बढ़ाअमेरिका में ट्रंप के टैरिफ पर सुप्रीम कोर्ट का केस बढ़ा सकता है भारत की चिंता, व्यापार समझौते पर बड़ा खतराबजट-पूर्व बैठक में एक्सपर्ट्स ने कृषि सेक्टर में R&D के लिए ज्यादा धनराशि पर जोर दियाअगर बैंक ने ज्यादा पैसे काट लिए या शिकायत पर जवाब नहीं दिया, ऐसे घर बैठे करें फ्री में कंप्लेंटBihar Election 2025: दूसरे चरण में 3.7 करोड़ मतदाता 122 सीटों पर करेंगे 1,302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसलाBandhan MF ने उतारा नया हेल्थकेयर फंड, ₹100 की SIP से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा?Explained: AQI 50 पर सांस लेने से आपके फेफड़ों और शरीर को कैसा महसूस होता है?अगर इंश्योरेंस क्लेम हो गया रिजेक्ट तो घबराएं नहीं! अब IRDAI का ‘बीमा भरोसा पोर्टल’ दिलाएगा समाधानइन 11 IPOs में Mutual Funds ने झोंके ₹8,752 करोड़; स्मॉल-कैप की ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा बरकरार

सब प्राइम संकट की मार, अमेरिकी छात्रों को नहीं मिल रहा उधार

Last Updated- December 06, 2022 | 12:02 AM IST

सब प्राइम ऋण संकट का असर अमेरिकी लोगों की जिंदगियों पर तरह तरह से असर डाल रहा है।


इस संकट के चलते मुसीबतें झेलने वालों की फेहरिस्त में अमेरिकी छात्र भी शामिल हो गए हैं। वजह यह है कि छात्रों को पढ़ाई के लिए जो 6.7 अरब डॉलर के लोन उपलब्ध थे वह अब नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि उधार देने वाले निजी खिलाड़ी मैदान छोड़ चुके हैं।


नतीजा यह है कि पेनसिलवेनिया राज्य विश्वविद्यालय और नॉर्थ ईस्टर्न विश्वविद्यालय समेत कई कॉलेजों को शिक्षा विभाग के डायरेक्ट लोन कार्यक्रम पर निर्भर रहना पड़ रहा है।उधार देने वाली दर्जनों कंपनियों ने, जिनमें कॉलेज लोन कॉर्प और सीआईटी ग्रुप शामिल हैं, लोन देना बंद कर दिया है क्योंकि उन्हें मिलने वाली रियायतों में कटौती कर दी गई है और सबप्राइम से परेशान निवेशकों ने छात्रों द्वारा साइन किए बॉन्ड लेने से इंकार कर दिया है।


आलम यह है कि इस साल 28 फरवरी से अब तक 178 कॉलेजों ने डायरेक्ट लोन कार्यक्रम के तहत छात्रों को ऋण देने की सिफारिश की है जबकि पिछले साल केवल 80 कॉलेजों ने ही इसके लिए अर्जी दी थी। छात्रवृत्ति और लोन से जुड़ी जानकारी देने वाली एक वेबसाइट फिनएड डॉटकॉम के प्रकाशक मार्क कैंट्रोवित बताते हैं कि इस साल छात्रों ने करीब 68.2 अरब डॉलर के लोन लिए हैं।


मार्क का कहना है कि अगले साल इसमें 4 अरब डॉलर और जुड़ने की उम्मीद है क्योंकि छात्रों की संख्या और खर्च दोनों गए हैं। ज्यादा से ज्यादा क ॉलेज डायरेक्ट लोन लेने की जुगत में हैं क्योंकि निजी कंपनियों से उधार मिलने की गुंजाइश नहीं है।


नॉर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय में फाइनेंशियल एड सर्विस के निदेशक एन्थनी अर्विन कहते हैं कि सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि छात्रों को सुरक्षित लोन उपलब्ध हों। इस स्कूल को भी डायरेक्ट लोन लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि यहां उधार देने वाली दो निजी कंपनियों यह काम बंद कर दिया है।


फेडरल स्टूडेंट एड के मुख्य परिचालन अधिकारी लॉरेंस वॉर्डर कहते हैं कि अमेरिकी शिक्षा विभाग ने उस विधेयक का समर्थन किया है जो सरकार को छात्रों के बैंक और दूसरी कंपनियों के लोन खरीदने की इजाजत देता है ताकि आगे उधार देने के लिए पैसे मिल सकें। वॉर्डर ने बताया कि अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने इस विधेयक को 17 अप्रैल को पारित किया है और 1 जून तक इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाना है ताकि अगले साल छात्रों को परेशानी न झेलनी पड़े।


इसके साथ ही डायरेक्ट लोन कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले लोन की संख्या दोगुनी करने का भी विचार है।महत्वपूर्ण बात यह है कि डायरेक्ट लोन लेने का मतलब यह है कि छात्र उस छूट का फायदा नहीं उठा पाएंगे जो उधार देने वाले बैंक और निजी कंपनियां अब तक देती आई हैं। फिनएड के कैंट्रोवित्ज बताते हैं कि इस तरह की योजनाओं में  फीस में छूट जो उधार राशि का 2.5 से 4 फीसदी होती है और तीन साल के बाद निर्धारित समय पर पैसा चुकाने पर ब्याज दर में 1 फीसदी की कमी शामिल हैं।


बाजार में जो निजी कंपनियां अभी काम कर रही हैं उन्होने इस तरह की छूट देना कम कर दिया है या बंद कर दिया है। राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल इलियानोस के सीनेटर बराक ओबामा और न्यूयॉर्क की सीनेटर हिलेरी क्लिंटन का कहना है कि 15 साल पुराना डायरेक्ट लोन कायक्रम सरकार के लिए सस्ता है क्योंकि इसमें रियायतें नहीं दी जाती। उधर रिपब्लिकन कहते हैं कि निजी कंपनियों ने सरकार से बेहतर सेवा दी है।


ईस्टन मैसाचुसेट्स के स्टोनहिल कॉलेज में स्टूडेंट एड निदेशक एलीन ओ लेयर कहती हैं कि यह छात्रों के लिए नहीं बल्कि देनदारों के लिए एक संकट है। उधार लेने के लिए डायरेक्ट लोन की ओर रुख करना दशक भर पुरानी उस परंपरा के खिलाफ है जिसमें कॉलेज बैंक और उधार देने वाली दूसरी कंपनियों से डील किया करते थे। सरकारी अनुमान के मुताबिक जून में खत्म होने वाले शैक्षिक सत्र के दौरान करीब 13.6 अरब डॉलर के डायरेक्ट लोन दिए जाएंगे।

First Published - April 28, 2008 | 1:40 PM IST

संबंधित पोस्ट