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सीमाओं की तरफ जा रहे अफगानी

Last Updated- December 12, 2022 | 1:23 AM IST

अफगानिस्तान से निकलने की कोशिश कर रहे हजारों लोग बुधवार को देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरफ जाने की कोशिश करते हुए दिखे। अफगानिस्तान पर तालिबान के अधिग्रहण के बाद प्रशासनिक स्तर पर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। सोमवार को अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी के बाद तालिबान ने बैंक, अस्पताल और सरकारी तंत्र को चलाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। 
काबुल हवाई अड्डे का संचालन बंद होने के बाद निजी स्तर पर अफगानिस्तान के उन नागरिकों को ईरान, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देशों की सीमाओं से सुरक्षित निकालने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जिन्हें तालिबान के प्रतिशोध का भय है। खैबर दर्रे के पूर्व में पाकिस्तान की सीमा से लगे तोरखम में एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि बड़ी तादाद मे लोग अफगानिस्तान की तरफ का गेट खोले जाने का इंतजार कर रहे हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ईरान से लगी सीमा पर इस्लाम किला पोस्ट के पास भी हजारों लोग इकट्ठा हुए हैं। 

वहीं दूसरी तरफ तालिबान कतर और तुर्की से काबुल हवाई अड्डे के संचालन के लिए बातचीत कर रहा है। फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा कि इस बातचीत को अंतिम रूप देने में कुछ दिन और हफ्ते लग सकते हैं। 
सही फैसला

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने युद्ध के करीब 20 साल बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का जोरदार बचाव करते हुए इसे अमेरिका के लिए सबसे अच्छा और सही फैसला बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा युद्ध लडऩे की कोई वजह नहीं है जो अमेरिकी लोगों के अहम राष्ट्रीय हितों में न हो। 
बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में असली विकल्प लड़ाई छोडऩे और उसे बढ़ाने के बीच था। उन्होंने कहा कि वह चौथे राष्ट्रपति हैं जिनके सामने इस युद्ध को कब और कैसे खत्म किए जाने का मुद्दा आया। उन्होंने अफगानिस्तान से1,20,000 से अधिक लोगों को निकाले जाने का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, ‘हमारी चीन के साथ गंभीर प्रतिस्पर्धा है। हम रूस के साथ कई मोर्चों पर चुनौतियों से निपट रहे हैं। हमने साइबर हमलों और परमाणु प्रसार की चुनौतियों का सामना किया।’ 
ब्रिटेन की बातचीत 

ब्रिटेन सरकार अफगानिस्तान से अपने बचे हुए नागरिकों और पात्र अफगानों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए तालिबान के साथ बातचीत कर रही है और उसने अफगान शरणार्थियों के लिए ऑपरेशन ‘वॉर्म वेलकम’ की शुरुआत की है। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने बुधवार को यह जानकारी दी। ब्रिटिश अधिकारियों और तालिबान के शीर्ष सदस्यों के बीच वार्ता कतर के दोहा में होने जा रही है।
दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अफगानिस्तान में अमेरिका की भागीदारी की आलोचना करते हुए दावा किया कि वहां उसने अपनी 20 साल लंबी सैन्य उपस्थिति से ‘शून्य’ हासिल किया है। पुतिन ने बुधवार को कहा,  ’20 वर्षों तक, अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में वहां रहने वाले लोगों को सभ्य बनाने की कोशिश कर रही थी। इसका परिणाम व्यापक त्रासदी, व्यापक नुकसान के रूप में सामने आया। यह नुकसान दोनों को हुआ, ये सब करने वाले अमेरिका को और इससे भी अधिक अफगानिस्तान के निवासियों को। परिणाम, अगर नकारात्मक नहीं तो शून्य है।’ पुतिन ने कहा कि बाहर से कुछ थोपना असंभव है।

First Published - September 1, 2021 | 11:52 PM IST

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