उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में 2025 में होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh) से पहले गंगा को साफ करने के साथ ही वहां पर्यटन की नई सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
राजधानी लखनऊ में बुधवार को नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange Programme) की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रयागराज कुंभ से पहले गंगा को साफ करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) लगाने की कार्यवाही तेजी की जाए। साथ ही गंगा नदी में रिवर क्रूज, पर्टनस वाटर स्पोर्ट व कैंपिंग आदि की सुविधाएं विकसित की जाएं। हाल ही में वाराणसी में क्रूज सेवाओं की शुरुआत की गई है।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए का कि गंगा व सहायक नदियों की स्वच्छता के इस अभियान में केंद्र व राज्य सरकार के प्रयासों में जन सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई है तो तकनीक का प्रयोग कर नदियों को स्वच्छ बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना गंगा जी के साथ-साथ सहायक नदियों के लिये भी है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और विषमुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गंगा के दोनों तटों पर 5-5 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने की शुरुआत की है। प्रदेश में 27 जिले गंगा से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। वर्तमान में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है। इस बार यहां उत्पादन अच्छा हुआ है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों, भूतपूर्व सैनिकों आदि के सहयोग से गंगा नर्सरी विकसित करने के प्रयास किये जायें। नर्सरी से लेकर फलों के प्रसंस्करण बाकी पूरी वैल्यू चेन बनानी चाहिए। यह ‘गंगा उत्पाद’ गंगा किनारे के लोगों के लिए आय के स्थायी साधन बन सकते हैं।