भारत में वेल्स फार्गो के प्रौद्योगिकी केंद्रों ने पिछले दो महीनों में करीब 400 कर्मियों की छंटनी की है। नौकरियों में यह कटौती ऐसे समय में की गई है जब अमेरिका का चौथा सबसे बड़ा ऋणदाता देश में अपने परिचालन को संयुक्त कर रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि छंटनी का संबंध मुख्य रूप से बैंक के इंजीनियरिंग प्रभाग से है। इसमें जून में 300 से अधिक लोगों को निकाला गया। इस महीने मुख्य प्रशासनिक कार्यालय (सीएओ) से करीब 100 लोगों को बर्खास्त किया गया।
वेल्स फार्गो इंडिया सॉल्युशंस वेल्स फार्गो बैंक की सहायक कंपनी है जो बैंक के प्रौद्योगिकी संचालन और शेयर्ड-सर्विस संबंधित कार्यों के लिए वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) के रूप में काम करती है। वेल्स फार्गो इंडिया ने इन छंटनी के बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का तत्काल जवाब नहीं दिया है।
वेल्स फार्गो के पिछले साल तक भारत में बेंगलूरु, हैदराबाद और चेन्नई में तीन केंद्र थे। इनमें लगभग 37,000 लोग कार्यरत थे। हालांकि, इस साल की शुरुआत में उसने चेन्नई का अपना कार्यालय बंद करने का फैसला किया।