केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट रविवार को भाई दूज के अवसर पर वैदिक अनुष्ठानों के बीच बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों, मंदिर समिति और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मंदिर समिति के अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ मंदिर सुबह 8:30 बजे और यमुनोत्री मंदिर दोपहर 12:05 बजे बंद कर दिए गए।
दोनों मंदिरों के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ में भगवान शिव और यमुनोत्री की अधिष्ठात्री देवी यमुना की मूर्तियां पालकियों में सवार करके इनके शीतकालीन निवास उखीमठ और खरसाली भेजी गईं। हिमालयी मंदिर के कपाट बंद होने का समारोह देखने के लिए 18,000 से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि मंदिर के कपाट बंद होने से पहले तड़के चार बजे एक भव्य समारोह शुरू हुआ। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि यात्रा सीजन के दौरान 16.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री पूजा-अर्चना के लिए केदारनाथ पहुंचे।
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गढ़वाल हिमालय में 11,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह हर साल लाखों तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थस्थल होता है। मंदिर सर्दी के दौरान बर्फ गिरने के कारण बंद रहता है। मंदिर समिति के एक अधिकारी ने बताया कि यमुनोत्री धाम अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:05 बजे बंद कर दिया गया। एक अन्य चारधाम मंदिर गंगोत्री को शनिवार को बंद कर दिया गया था। बद्रीनाथ 17 नवंबर को बंद होगा।