facebookmetapixel
भारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणु

उत्तराखंड में केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर हादसा, सात यात्रियों की मौत; तत्काल प्रभाव से हवाई सेवाओं पर रोक

उत्तराखंड में लगातार हेलीकॉप्टर हादसों के बाद सभी उड़ानें रोकी गईं। सुरक्षा जांच और पायलटों के ऑडिट के बाद ही सेवाएं फिर से शुरू होंगी।

Last Updated- June 15, 2025 | 10:37 PM IST
helicopter crash
हादसे के बाद घटनास्थल पर चल रहा रेस्क्यू | फोटो: PTI

देश में विमानन क्षेत्र एक के बाद एक आपदाओं से जूझ रहा है। अहमदाबाद में बीते गुरुवार को एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद रविवार को उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें एक बच्चे और पायलट सहित सात यात्रियों की मौत हो गई। लगातार विमानन हादसों के बाद नागरिक विमानन मंत्रालय ने इस पहाड़ी राज्य में सभी हेलीकॉप्टर सेवाएं सोमवार तक रोकने का आदेश दिया है और सभी पहाड़ी-उड़ान संचालन की व्यापक समीक्षा शुरू कर दी है। इसमें उत्तराखंड में पायलटों, ऑपरेटरों और सुरक्षा प्रक्रियाओं के ऑडिट का आदेश दिया गया है।

ताजा दुर्घटना रविवार सुबह आर्यन एविएशन के बेल 407 हेलीकॉप्टर (पंजीकरण वीटी-बीकेए) के साथ हुई है, जो केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा था। इसने गुप्तकाशी से सुबह 5:10 बजे उड़ान भरी थी और 5:18 बजे केदारनाथ में उतरा। यहां से यह दोबारा 5:19 बजे वापसी के लिए उड़ा, लेकिन 5:30 से 5:45 बजे के बीच गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में एक बच्चे और पायलट सहित सभी सात सवारों की मौत हो गई। 

नागरिक विमानन मंत्रालय के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हेलीकॉप्टर खराब दृश्यता और घने बादलों के बीच उड़ रहा था। यह दुर्घटना नियंत्रित उड़ान इनटू टेरेन (सीएफआईटी) का मामला प्रतीत होता है। यह एक एक ऐसी स्थिति होती है जहां पायलट के पूर्ण नियंत्रण वाला विमान कम दृश्यता या भटकाव के कारण अनजाने में पहाड़, पहाड़ी या अन्य बाधाओं में ​घिर जाता है। इस दुर्घटना की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) को सौंपी गई है। यही एजेंसी पिछले गुरुवार को हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना की भी जांच कर रही है। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना के बाद रविवार सुबह एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और मंत्रालय के सचिव समेत केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

इस बैठक के बाद चार धाम यात्रा के लिए आर्यन एविएशन की सेवाओं को निलंबित कर दिया गया। ट्रांसभारत एविएशन के लिए उड़ान भरने वाले दो अन्य हेलीकॉप्टर पायलटों के लाइसेंस भी छह महीने के लिए निलंबित कर दिए गए हैं, क्योंकि वे भी रविवार को इसी तरह की खराब मौसम स्थितियों में उड़ान भरते पाए गए थे।

मंत्रालय ने कहा कि तत्काल सुरक्षा उपाय के रूप में तीर्थयात्रा के लिए संचालित होने वाली सभी हेलीकॉप्टर सेवाओं को 15 और 16 जून को रोक दिया गया है। उत्तराखंड नागरिक विमानन विकास प्राधिकरण को सेवाएं फिर से शुरू करने से पहले सभी ऑपरेटरों और पायलटों के साथ विस्तृत समीक्षा करने का काम सौंपा गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि विमानन विकास प्रा​धिकरण रियल-टाइम हेलीकॉप्टर संचालन की निगरानी करने और सुरक्षा प्रोटोकॉल पालन सुनि​श्चित करने के लिए कमांड-एंड-कंट्रोल रूम भी स्थापित करेगा।

मंत्रालय ने डीजीसीए को केदारनाथ में अपनी एयरवर्थनेस, संचालन और सुरक्षा डिवीजनों के अधिकारियों को तैनात करने का निर्देश दिया है ताकि हेलीकॉप्टर गतिविधि की निगरानी की जा सके। मंत्रालय ने कहा कि किसी भी ऑपरेटर को मौसम या प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों के उल्लंघन में उड़ानें नहीं भरनी चाहिए।

उत्तराखंड के चार धाम क्षेत्र में एक महीने से कुछ अधिक समय में यह पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है, जो चुनौतीपूर्ण इलाके में परिचालन संबंधी अनुशासन और सुरक्षा अनुपालन पर सवाल उठाती है। विमानन नियामक ने अपने बयान में कहा, ‘एहतियाती उपाय के रूप में डीजीसीए ने पहले ही चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं कम कर दी हैं। साथ ही निगरानी बढ़ा दी है और आगे की कार्रवाई के लिए संचालन की समीक्षा की जा रही है।’

बीते 7 जून को एक निजी एडब्ल्यू 119 हेलीकॉप्टर सिरसी से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पायलट विमान को सुरक्षित रूप से बदासू गांव के पास एक सड़क पर लाने में सफल रहा। इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ था। इससे पहले 17 मई को एम्स-ऋ​षिकेश द्वारा संचालित एक हेली-एम्बुलेंस केदारनाथ में उतरते समय क्षतिग्रस्त हो गई थी। हालांकि इसमें सवार पायलट, डॉक्टर और नर्स तीनों को कोई चोट नहीं लगी थी।

इसी तरह 12 मई को भी एक हेलीकॉप्टर के रोटर ब्लेड से बदरीनाथ हेलीपैड पर एक वाहन टकरा गया था। इस दुर्घटना में भी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस घटना के ​खिलाफ स्थानीय पुजारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। बीते माह में ही 8 मई को गंगोत्री जा रहा हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी में गंगनानी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पांच तीर्थयात्रियों और पायलट की मौत हो गई थी, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।

इसी माह 9 जून को जारी एक अलग बयान में डीजीसीए ने कहा था कि लगातार कई घटनाओं के कारण चार धाम संचालन की सुरक्षा निगरानी को और मजबूत करने पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया कि यांत्रिक विफलताओं से लेकर मौसम संबंधी चुनौतियों तक, दुर्घटना के जिम्मेदार वि​भिन्न कारकों की पहचान करने के लिए व्यापक सुरक्षा जांच की जा रही है। नियामक ने यह भी कहा, ‘डीजीसीए सुरक्षा नियमों को बिल्कुल बरदाश्त नहीं करता है। इसीलिए उसने हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों की विशेष ऑडिट का आदेश दिया है। यदि आवश्यक हुआ तो इनका संचालन सीमित किया जाएगा।’ 

First Published - June 15, 2025 | 10:37 PM IST

संबंधित पोस्ट