उत्तर प्रदेश में नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों का नए सिरे से आवंटन कर दिया गया है। लंबे समय के बाद एक बार फिर से अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री एक ही दुकान से की जाएगी। योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में आबकारी राजस्व का लक्ष्य 63000 करोड़ रुपये रखा है जबकि पिछले वर्ष यह लक्ष्य 58307.56 करोड़ रुपये था।
उत्तर प्रदेश में अप्रैल से शुरू होने वाले अगले सत्र के लिए लॉटरी सिस्टम से शराब की दुकानों का आवंटन हो गया है। पहले चरण में 25,677 शराब की दुकानें आवंटित की गई हैं। नई आबकारी नीति के तहत पहली बार कंपोजिट शॉप का आवंटन किया गया है जिसमें अंग्रेजी शराब और बीयर एक ही जगह मिलेगी। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के निर्देशन में प्रदेश में शराब और भांग की दुकानों के लाइसेंस के लिए पहले चरण की ई लॉटरी गुरुवार को पूरी हुई है। आबकारी विभाग के अनुसार, शराब की दुकानों के आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इसके बाद ई-लॉटरी के माध्यम से दुकानें आवंटित की गईं।
ई-लॉटरी के जरिए आबकारी विभाग ने 90 फीसदी से अधिक कुल 25,677 शराब की दुकानों और मॉडल शॉप का आवंटन कर दिया है। इसमें देसी मदिरा की 15,906 दुकानें, 9341 कंपोजिट शॉप, 430 मॉडल शॉप के अलावा 1317 भांग की दुकानें भी शामिल हैं। इन दुकानों के आवंटन से राज्य सरकार को 4278.80 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस मिलेगी। बची हुयी 146 देसी मदिरा, 21 कंपोजिट शॉप, 142 भांग की दुकानों और 5 मॉडल शॉप का आवंटन दूसरे चरण में किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी।
आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शराब के ठेके का आवंटन ई-लॉटरी के जरिए ऑनलाइन प्रक्रिया से पूरी की गयी है। इसमें शराब के ठेके के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदकों का चयन किया जाता है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होने के लिए डिज़ाइन की गई है। आवेदकों को पंजीकरण स्लिप या आईडी कार्ड से ही प्रवेश मिलता है। एक आवेदक को अधिकतम दो दुकानें ही प्रदेश भर में ई-लॉटरी के जरिए दी जा सकती है। यह दुकानें एक ही जिले या एक से अधिक जिले में भी हो सकती हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की है। इसके तहत शराब की दुकानों के रिनीवल सिस्टम को समाप्त करते हुए ई-लॉटरी के जरिए आवंटन की व्यवस्था कर दी गयी है। नीति के मुताबिक प्रदेश में अब विदेशी मदिरा 90 व 60 मिलीमीटर के पैक में भी उपलब्ध होगी जो पहले नहीं थी। प्रदेश में बीयर की दुकानों की लिए परमिट व्यवस्था को नई नीति में खत्म कर दिया गया है। इसके स्थान पर अब कम्पोजिट दुकानें होंगी जिन्हें मॉडल शॉप में परिवर्तित किया जा सकेगा।
आबकारी आयुक्त को कुल देशी मदिरा व मॉडल शाप की संख्या का तीन फीसदी तक नई दुकान सृजन करने का अधिकार नई नीति में दिया गया है।