पिछड़े बुंदेलखंड के कायाकल्प में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस क्षेत्र को एक और लिंक एक्सप्रेसवे की सौगात दी है। प्रदेश सरकार बुंदेलखंड के झांसी और जालौन जिलों को जोड़ने के लिए एक और लिंक एक्सप्रेस वे बनाएगी।इसके बाद बुंदेलखंड में तीन एक्सप्रेस वे होंगे जो यहां के पूरे औद्योगिक इकोसिस्टम को बदलने का काम करेंगे।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ने की पहल सरकार पहले ही कर चुकी है। झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 115 किलोमीटर होगी। इससे डिफेंस कॉरिडोर का औद्योगिक इकोसिस्टम और तेजी से आगे बढ़ेगा। साथ ही सरकार द्वारा झांसी और कानपुर के बीच नोएडा से भी बड़ा, झांसी के 33 गांवों को मिलाकर 36 हजार एकड़ में बनने वाले औद्योगिक शहर में भी निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा।
इसके लिए सरकार बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के गठन का काम भी शुरू कर चुकी है। इन सबका लाभ सीधी और तेज कनेक्टिविटी मिलने से लखनऊ, कानपुर, आगरा, चित्रकूट और झांसी के डिफेंस कॉरिडोर के नोड को मिलेगा। इसी तरह 15.2 किलोमीटर वाले चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ जाने के बाद चित्रकूट के पर्यटन और इस नोड में स्थापित होने वाली डिफेंस कॉरिडोर की इकाइयों को भी खासा फायदा मिलेगा।
गौरतलब है कि चित्रकूट में वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने सीता और लक्ष्मण सहित सर्वाधिक समय गुजारा था। राम से जुड़े स्थलों को देखने बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं। सरकार चित्रकूट के विकास के साथ इसे एयरपोर्ट से भी जोड़ चुकी है। अब सड़क कनेक्टिविटी ठीक होने से चित्रकूट में पर्यटकों की आवाजाही और बढ़ेगी। इसके साथ ही अच्छी कनेक्टिविटी से ललितपुर में दो चरणों में करीब 1500 एकड़ में बन रहे फार्मा पार्क में भी औद्योगिक इकाइयां लगेंगी। इस पार्क के लिए जिन गांवों की जमीनों को चिन्हित किया गया था उनमें से करीब 70 फीसदी का अधिग्रहण हो चुका है।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे शुरू में चार लेन का होगा। भविष्य में इसे छह लेन तक विकसित किया जा सकेगा। इसमें जमीन अधिग्रहण की ही अनुमानित लागत 228 करोड़ रुपये है। सरकार इस मद में दो किश्तों में 220 करोड़ रुपये मंजूर भी कर चुकी है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड और पूर्वांचल के पिछड़ेपन को देखते हुए योगी सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों के औद्योगिक विकास के लिए सरकार ने विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन नीति लागू कर रखी है। खेतीबाड़ी के लिए यूपी एग्रीज योजना में भी बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल के जिले ही शामिल हैं। बुंदेलखंड सोलर एनर्जी का भी हब बन रहा है। बांदा में अवाडा इंडा कंपनी द्वारा स्थापित सोलर पार्क में बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है। झांसी, ललितपुर, चित्रकूट और जालौन में भी योगी सरकार सोलर पार्क विकसित कर रही है। इससे बिजली तो मिलेगी ही, स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके भी मिलेंगे।