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UP: खाद को लेकर हाहाकार, खरीदने के लिए किसानों की लगी लंबी लाइनें; नेपाल में तस्करी बढ़ी

भारत में ₹266.50 बोरी मिलने वाली यूरिया नेपाल पहुंचते ही ₹1500 से ₹2000 की हो जाती है। इसके चलते नेपाल के सीमावर्ती जिलों से जमकर खाद की तस्करी हो रही है।

Last Updated- August 20, 2025 | 4:19 PM IST
availability of fertilizers at affordable prices despite recent geo-political situations due to Russia - Ukraine war

उत्तर प्रदेश में खेती किसानी के पीक सीजन में खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और स्टॉक न होने की शिकायतें मिल रही हैं। यूरिया, डीएपी और एनपीके जैसी जरूरी खाद तय कीमत से कहीं ज्यादा दामों पर बिक रही है।

नेपाल की सीमा से सटे तराई के जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, लखीमपुर, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और महराजगंज से बड़े पैमाने पर खाद के नेपाल को तस्करी किए जाने की खबरें हैं। तराई के इन जिलों में खाद की किल्लत और कालाबाजारी सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। तस्करी की खबरों से चिंतित योगी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को खुद सिद्धार्थनगर पहुंच कर चेतावनी जारी की।

जानकारों का कहना है कि भारत में 266.50 रूपये बोरी मिलने वाली यूरिया नेपाल पहुंचते ही 1500 से 2000 रूपये की हो जाती है। कीमतों में भारी अंतर होने के चलते नेपाल के सीमावर्ती जिलों से जमकर खाद की तस्करी हो रही है। बलरामपुर जिले से नेपाल के कोयलाबास, ककरहवा, सिसवारा और खंगरा नाका से खाद की तस्करी होने की सूचना है जबकि श्रावस्ती से गुरुंग नाका और सुकली से खाद धड़ल्ले से नेपाल भेजी जा रही है। खाद तस्करी की शिकायतों को देखते हुए देवापटन मंडल आयुक्त ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिस के लिए एलर्ट जारी किया है।

किसान नेता कर्ण सिंह का कहना है कि नेपाल में एक बोरी खाद की आधिकारिक कीमत 800 रूपये तय की गयी है जो भारत के मुकाबले बहुत ज्यादा है। इसके साथ ही वहां किल्लत कहीं ज्यादा है जिसके चलते तस्करी की घटनाएं हो रही हैं। वहीं जिले-जिले खाद के लिए लंबी लाइनों में लगे किसानों का कहना है कि ज्यादातर दुकानदार यूरिया 350 से 400 रूपये बोरी की कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं। सरकारी कीमत पर सहकारी समितियों से मिलने वाली खाद ज्यादातर जगहों पर तुरंत खत्म हो जा रही है।

प्रदेश में खाद को लेकर मची मारामारी, कालाबाजारी और तस्करी पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को बताया कि अब तक उर्वरकों की कालाबाजारी रोकने के लिए 12,653 छापे मारे गए हैं और 3,385 उर्वरक के नमूने लिए गए। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी की शिकायत पर 1,047 नोटिस जारी किए गए हैं जबकि 571 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किए गए और 1,196 निरस्त हुए हैं। इसके साथ ही 13 थोक विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित और 4 निरस्त करते हुए 93 एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को समय से खाद उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। केंद्र व राज्य सरकार दोनों की सर्वोच्च प्राथमिकता किसान हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद की किल्लत का कारण इसकी बढ़ी हुयी मांग को बताया है। उनका कहना है कि इस बार 18 अगस्त तक पिछले साल के मुकाबले करीब 6 लाख टन ज्यादा यूरिया की बिक्री हुयी है। पिछले साल जहां अब तक 36.76 लाख टन यूरिया बिकी थी वहीं इस साल यह आंकड़ा 42.64 लाख टन पहुंच गया है। उनका कहना है कि इसका बड़ा कारण अच्छा मानसून और धान का रकबा बढ़ना भी है।

प्रदेश में खरीफ 2024 का रकबा बढ़कर 105.93 लाख हेक्टेयर पहुँच गया है जो कि 2013-14 में 90.46 लाख हेक्टेयर था। अब तक खरीफ रकबे में 15.47 लाख हेक्टेयर यानी 17% की वृद्धि हुयी है। खरीफ सीजन में जहां 2016 में 23 लाख टन यूरिया की खपत थी वहीं 2024 में खपत 39 लाख टन पहुँची है। खरीफ सीजन खत्म होने में अभी 41 दिन बाकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नही है। इस बार 4.21 लाख टन ज्यादा यूरिया उपलब्ध कराया गया। वर्तमान में 6 लाख टन यूरिया किसानों के लिए स्टॉक में मौजूद है।

First Published - August 20, 2025 | 4:19 PM IST

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