उत्तर प्रदेश की आर्थिक तरक्की का मूल मंत्र प्रत्येक व्यक्ति के लिए रोजगार और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने यह बात कही। अवस्थी ने कहा कि मुफ्त तोहफे बांटने के बजाय बजट के रास्ते प्रोत्साहन देकर उद्योग जगत की प्रगति का मार्ग अधिक सुगमता से प्रशस्त किया जा सकता है।
अवस्थी बिज़नेस स्टैंडर्ड ‘समृद्धि’ कार्यक्रम में ‘पर्यावरण संरक्षण के साथ अवस्थापना एवं पर्यटन सुविधाओं का विकास’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को अगले कुछ वर्षों में पांच लाख डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है।
अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री के इस सपने को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में राज्य तिरुपति से भी आगे निकल गया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी, अयोध्या और मथुरा जैसे शहरों की बदौलत उत्तर प्रदेश में प्रत्येक दिन 2 लाख पर्यटक आ रहे हैं। जनवरी 2025 में कुंभ मेले में करोड़ों लोगों के आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘राजस्व के मामले में राज्य बेहतर स्थिति में आ गया है। राज्य में 1.5 लाख करोड़ रुपये का पूंजी सृजन हो रहा है। कुछ ही समय में हम महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर देश का अग्रणी राज्य बन जाएंगे।’
अवस्थी ने कहा कि राज्य अब ‘योगीनॉमिक्स’ पर काम कर रहा है जिसके तहत सभी विभागों को तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सभी सरकारी योजनाओं में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर पहुंच सके। वर्ष 2016-17 में राज्य का पर्यटन बजट 200 करोड़ रुपये था, जो अब 10 गुना बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रहीस सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को आर्थिक प्रगति के मार्ग पर आगे ले जाने के लिए निवेश जरूरी है और निवेश लाने के लिए नजरिया बदलने की दरकार है। सिंह ने कहा, ‘अगर शांति-व्यवस्था नहीं रहेगी तो आर्थिक विकास का ढांचा कैसे काम करेगा? पिछले साढ़े सात वर्षों में माहौल काफी बदला है जिससे आर्थिक ढांचे के विकास पर भी असर हुआ है।’
उन्होंने कहा कि हाल में नोएडा में आयोजित निवेश व्यापार प्रदर्शनी में पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक समझौते हुए हैं, जो मूल्य के लिहाज से 56 प्रतिशत अधिक थे। सिंह ने कहा, ‘इसमें भी एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना को सबसे अधिक लाभ पहुंचा है। ये उत्पाद आठ वर्ष पहले भी थे मगर खरीदार और बिकवाल के पास कोई माध्यम नहीं था। उन तक पहुंचने के लिए सड़क संपर्क नहीं थे और उनके उत्पादों का प्रचार-प्रसार भी नहीं हो पा रहा था।’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ओडीओपी बनाने वाली इकाइयों एवं संकुलों को काफी तकनीकी मदद दी है। सिंह ने कहा कि धार्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्रों में आयोजित कार्यक्रमों से उन शहरों की अर्थव्यवस्था को काफी ताकत मिली है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अध्यक्ष रवींद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उद्योग जगत को यह समझना चाहिए कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कारोबार करने की राह में बाधा नहीं है। सिंह ने कहा कि मगर उद्योग-धंधों के विकास के साथ ही पर्यावरण का ध्यान भी रखना जरूरी है तभी आने वाली पीढ़ियों को आर्थिक प्रगति का वाजिब लाभ मिल पाएगा।
भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक शरद एस चांडक ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के बिना आर्थिक बदलाव की कल्पना नहीं की जा सकती और न पर्यटन क्षेत्र ही आगे बढ़ सकता है। चांडक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऋण-जमा अनुपात 60 प्रतिशत से अधिक हो गया है जिसका मतलब है कि राज्य में पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से विकास हुआ है।