उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की तेज सांस्कृतिक, आर्थिक और औद्योगिक वृद्धि को अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का नतीजा बताया है। उन्होंने आज कहा कि प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) चालू वित्त वर्ष के अंत तक 32 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा और यह देश का ग्रोथ इंजन बना रहेगा।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिज़नेस स्टैंडर्ड के ‘समृद्धि’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश के बदले माहौल का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकार के पास न तो विकास का विजन था और न ही जनता के हित वाली नीतियां थीं। नीतियां बनती भी थीं तो मंत्रियों और माफियाओं के लिए। लेकिन 2017 में उनकी सरकार ने आते ही जो नीतियां बनाईं, उनमें उद्योग और रोजगार को साथ जोड़ा क्योंकि उस समय प्रदेश में इन दोनों की ही सख्त कमी थी।
लगभग घंटे भर के अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने माफियाओं पर पूरी क्रूरता बरती और पुरानी सरकार के ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ को ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ में बदल दिया। भूमाफिया पर हुई सख्ती के लिए लैंड माफिया विरोधी बल बनाया गया, जिसने राज्य के भूमि बैंक में 64,000 हेक्टेअर का इजाफा कर दिया। उन्होंने कहा, ‘इतनी अधिक भूमि मुक्त हुई तो कारोबार और बुनियादी ढांचा विकास के लिए जमीन की कमी नहीं रह गई।’
‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का हरेक जनपद एक अनूठा उत्पाद दे रहा है। 75 जिलों से 75 अनूठे उत्पाद आए हैं और 75 उत्पादों को जीआई टैग भी मिला है। इससे उत्तर प्रदेश का निर्यात भी बढ़ा है। मुरादाबाद 16,000 करोड़ रुपये के उत्पाद निर्यात कर रहा है। भदोही 8,000 करोड़ रुपये के कालीन निर्यात कर रहा है। प्रदूषण के मामले में सख्ती के कारण लगभग बंद हो गया फिरोजाबाद का कांच उद्योग उनकी सरकार में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण का ध्यान रख रहा है। इसके साथ ही अब वहां से 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये का कांच का सामान निर्यात हो रहा है। दुनिया में खेल का सबसे बढ़िया सामान मेरठ से निर्यात हो रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार की वर्तमान नीतियों का जिक्र करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि रक्षा एरोस्पेस नीति, सेमीकंडक्टर नीति, लॉजिस्टिक्स नीति जैसी अनुकरणीय नीतियां उनकी सरकार ही लाई है। इसी तरह फॉर्च्यून 500 नीति, कंप्रेस्ड बायोगैस नीति जैसी अनोखी नीतियां भी उत्तर प्रदेश की ही देन हैं। उन्होंने कहा कि इन नीतियों और बदले माहौल का ही नतीजा है कि 2023 में हुए निवेश सम्मेलन में उत्तर प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतने निवेश का मतलब 1.5 करोड़ युवाओं को एक साथ रोजगार मिलना है।
निवेश के लिए प्रदेश सरकार की नीतियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का ‘निवेश मित्र’ आज देश का सबसे बड़ा सिंगल विंडो पोर्टल है, जिसमें एक साथ 450 से ज्यादा अनापत्ति प्रमाणपत्र निवेशक को मिल जाते हैं। इसी तरह निवेश समझौते होने के बाद उन पर नजर रखने के लिए ‘निवेश सारथी’ पोर्टल बनाया है। कुछ समय पहले 1,300 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन भी दिए गए ताकि उद्यमी को भरोसा हो कि सरकार अपना वायदा पूरी कर रही है। मगर मानव हस्तक्षेप कम करने के लिए सब कुछ ऑनलाइन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं सब नीतियों और पहलों ने कारोबारी सुगमता को गति दी है। 2016-17 में उत्तर प्रदेश कारोबारी सुगमता में 14वें स्थान पर था, जो 2019 में दूसरे स्थान पर आ गया। अब उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर पहुंचने के लिए कड़ी होड़ कर रहा है।
प्रदेश के औद्योगिक विकास, निर्यात एवं निवेश संवर्द्धन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने समृद्धि सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का बहुमुखी विकास हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘आज देश के लगभग आधे एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में हैं और लगभग 21 हवाई अड्डे भी तैयार हैं। देश में इतने हवाईअड्डे किसी और प्रदेश में नहीं हैं।’ मंत्री ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर और काशी विश्वनाथ गलियारे बनने से औद्योगिक वृद्धि को भी बल मिल रहा है।