अब देश-दुनिया में कहीं भी बैठे लोग उत्तर प्रदेश में सरकारी आवासीय योजना में मकान खरीद सकेंगे। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद (UP Housing Board) ने खाली पड़े फ्लैटों (Vacant flats) की बिक्री के लिए ऑनलाइन शॉपिंग की शुरुआत की है। परिषद के पोर्टल के जरिए आवेदक बिना दफ्तर आए फ्लैट खरीद सकेंगे। आवास विकास ने खाली पड़े फ्लैटों की बिक्री के लिए छूट का भी ऐलान किया है। परिषद के पास प्रदेश के कई शहरों में विभिन्न आवासीय योजनाओं में 10,000 से ज्यादा फ्लैट खाली पड़े हैं जिनकी बिक्री कई बार पंजीकरण खोले जाने के बाद भी नहीं हो सकी है। इनमें से सबसे ज्यादा 3,300 के लगभग फ्लैट राजधानी लखनऊ में खाली हैं।
आवास विकास परिषद खाली फ्लैटों की बिक्री में एकमुश्त भुगतान करने पर आवेदक को कुल कीमत में 10 फीसदी की छूट देगी। पहले एकमुश्त भुगतान पर केवल पांच फीसदी छूट दिए जाने का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर 10 फीसदी किया गया है। इसके साथ ही परिषद ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध किसी भी फ्लैट के लिए जीएसटी भी नहीं लेगी।
परिषद अधिकारियों का कहना है कि फ्लैटों के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जाएगा और पंजीकरण होने की सूचना के साथ ही आवेदन पत्र आदि सभी औपचारिकताएं भी वहीं जारी कर दी जाएगी। पंजीकरण के समय 10 फीसदी की राशि जमा करनी होगी, जिसके तुरंत बाद आवंटन पत्र जारी कर दिया जाएगा। आवंटन पत्र जारी करने के बाद 60 दिनों के भीतर एकमुश्त भुगतान कर देने पर फ्लैट की रजिस्ट्री कर दी जाएगी और आवंटी को 10 फीसदी छूट का लाभ दिया जाएगा। आवास विकास परिषद ने ऑनलाइन बिक्री के जिन फ्लैटों की सूची जारी की है उनके दाम भी नहीं बढ़ाए हैं। सभी फ्लैट पुरानी कीमत पर ही बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गाजियाबाद व आगरा शहरों में सबसे ज्यादा फ्लैट ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
परिषद आयुक्त की वेबसाइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध इन फ्लैटों की लोकेशन ऑनलाइन पता की जा सकेगी और उनके खूबियों के बारे में भी वहीं से पता किया जा सकेगा। बिक्री के लिए उपलब्ध सभी फ्लैट रेडी टू मूव हैं और उन पर कोई जीएसटी देय नहीं होगा। उनका कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों की तर्ज पर फ्लैटों का क्षेत्रफल, कीमत, डिजाइन आदि सभी जानकारी पोर्टल पर दिखेगी। मौके पर फ्लैट देखने के लिए गूगल लोकेशन भी मिलेगा। आवंटी को किसी भी दशा में केवल रजिस्ट्री के लिए ही परिषद के दफ्तर आना होगा।