चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है। इस संबंध में शुक्रवार को महायुति की एक और बैठक होने वाली थी, लेकिन अचानक उसे रद्द कर दिया गया। अब यह बैठक रविवार को होने की उम्मीद है।
एक नाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने महाराष्ट्र में सरकार के लिए सत्ता के बंटवारे को लेकर समझौते पर जोर देने के लिए गुरुवार देर रात भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और शाह से भी मुलाकात की थी। इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव चले गए हैं। इससे मुख्यमंत्री का चयन और शपथ ग्रहण एक-दो दिन और टल सकता है।
महायुति के सबसे बड़े घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने कहा कि वे विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, शिवसेना नेता उदय सामंत ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि शिंदे नाराज हैं और इसी वजह से पैतृक गांव के लिए रवाना हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि अब नई सरकार का शपथ ग्रहण अगले सप्ताह हो सकता है। शिंदे ने गुरुवार रात नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सरकार गठन के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के साथ बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। हालांकि, भाजपा सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को महायुति नेताओं की कोई बैठक निर्धारित नहीं थी।
दिल्ली यात्रा के दौरान शिंदे ने शाह से मुलाकात कर राज्य में अगली सरकार के गठन पर चर्चा की थी। राज्य के निवर्तमान मंत्रिमंडल में शिंदे के सहयोगी देवेंद्र फडणवीस (भाजपा) और अजित पवार (राकांपा) ने भी शाह से मुलाकात की थी।
शिंदे शुक्रवार सुबह मुंबई लौट आए। शिवसेना सूत्रों के अनुसार, वह शाम को पश्चिमी महाराष्ट्र के सातारा जिले में अपने पैतृक गांव दारे के लिए रवाना हो गए।
शिंदे कई बार कह चुके हैं कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले मुख्यमंत्री के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री शाह के फैसले का पालन करेंगे। हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति की प्रचंड जीत के बाद नई सरकार में शिंदे की जगह को लेकर शिवसेना में अलग-अलग दृष्टिकोण उभर रहे हैं। शिवसेना के कई नेता शिंदे से कह रहे हैं कि यदि भाजपा उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश करे तो वह स्वीकार कर लें।
दूसरी ओर, भाजपा राज्य में मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों का इंतजार कर रही है। विधायकों को विधायक दल की बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, जिसमें वे अपना नेता चुनेंगे।