अप्रैल में क्रेडिट कॉर्डों की संख्या 865 लाख कार्ड के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। बैंकों ने बड़े पैमाने पर छोटे और मझोले शहरों में कार्ड जारी किए हैं और अब यह बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा, ‘अप्रैल 2023 में 12 लाख क्रेडिट कार्ड बढ़े हैं, जिससे कार्डों की कुल संख्या अब तक के सर्वोच्च स्तर 865 लाख पर पहुंच गई है।’
बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से सबसे ज्यादा लाभ ऐक्सिस बैंक को हुआ है, जिसे सिटी के अधिग्रहण का लाभ मिला है। नोट में कहा गया है, ‘सिटी बैंक के ग्राहक कारोबार के अधिग्रहण के कारण ऐक्सिस बैंक की बाजार हिस्सेदारी फरवरी 23 के 11.7 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर अप्रैल 23 में 14.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है।’
प्रचलन में कार्ड (सीआईएफ) के हिसाब से एसबीआई कार्ड की बाजार हिस्सेदारी फरवरी 23 के हाल के उच्च स्तर 19.8 प्रतिशत से घटकर अप्रैल 23 मे 19.5 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं एचडीएफसी बैंक की सीआईएफ हिस्सेदारी मार्च 23 के 20.6 प्रतिशत की तुलना में मामूली बढ़कर अप्रैल 23 में 20.7 प्रतिशत हो गई है।
जारी किए जाने वाले क्रेडिट कार्डों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि जारीकर्ता नए भौगोलिक इलाकों में जा रहे हैं। उप नगरीय इलाकों में इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। परिणामस्वरूप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल और उससे खर्च डेबिट कार्ड की तुलना में ज्यादा हो गया है।
क्रेडिट कार्ड से व्यय बढ़ने की एक बड़ी वजह यह है कि ग्राहक ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदारी में इसका इस्तेमाल डेबिट कार्ड की तुलना में ज्यादा कर रहे हैं। क्रेडिट कार्ड जारी करे वाले तेजी से इसकी संख्या बढ़ा रहे हैं और ग्राहकों को आकर्षक रिवार्ड की पेशकश कर रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक क्रेडिट कार्डों और डेबिट कार्डों से लेन देन की संख्या के बीच अंतर हाल के महीनों में तेजी से बढ़ा है।
जनवरी में क्रेडिट कार्ड से 2,590 लाख लेन-देन और डेबिट कार्ड से 2,500 लाख लेन देन हुए थे। मार्च और अप्रैल में क्रेडिट कार्डों से लेन -देन क्रमशः 2,630 लाख और 2,560 लाख थे। डेबिट कार्ड से लेन देन इस दौरान क्रमशः 2,380 लाख और 2,290 लाख था।
क्रेडिट कार्ड से मासिक व्यय डेबिट कार्ड की तुलना में दोगुने से ज्यादा रहा है। अप्रैल में क्रेडिट कार्ड से कुल व्यय 1.32 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि डेबिट कार्ड से व्यय 54,000 करोड़ रुपये था।
आरबीएल बैंक के क्रेडिट कार्ड्स के प्रमुख विक्रम यादव ने कहा कि क्रेडिट कार्ड से व्यय बढ़ने की 3 वजह रही है। पहला- क्रेडिट कार्ड बड़ी संख्या में जारी हुए हैं। कोविड के समय से ही क्रेडिट कार्ड तेजी से जारी हो रहे हैं। दूसरे, मकान के किराये के भुगतान जैसे युटिलिटी भुगतान जुड़ने का लेन देन पर असर पड़ा है।
तीसरे, मझोले, छोटे और कस्बाई शहरों में ऑनलाइन खरीद बढ़ी है, जो ज्यादातर क्रेडिट कार्ड से खर्च किया गया है। अप्रैल में डेबिट कार्डों की संख्या 9670 लाख थी, जो चालू क्रेडिट कार्डों की संख्या से दस गुना ज्यादा है।